अनंत देव पाण्डेय की रिपोर्ट
भदोही जिले के डीघ ब्लाक अंतर्गत गुलौरी गांव के रामसजीवन पुत्र जयनाथ, लालजी यादव, शिव प्रसाद यादव पुत्र पन्नालाल, सुरेश यादव पुत्र लालताप्रसाद, बृजमणि, गुलाब, आजम आदि ने आरोप लगाया है कि आवास के लिए ग्रामप्रधान द्वारा 20 से 25 हजार रुपयों की वसूली के बावजूद लाभ से वंचित किया गया है। गांव में बने शौचालय, आवास व सड़क निर्माण सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट तक सिमटे हैं। कहीं प्रयोग विहीन है तो अधिकांश ध्वस्त होकर पैसे की बर्बादी जाहिर कर रहे हैं।
जिलाधिकारी को पत्र सौपकर यह आरोप लगाया गया है कि गांव में अतुल लैट्रिन बनवाने, इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण, नाथू आवास आदि के कुछेक हुए कार्यों में मानक की खुलकर अनियमितता की गई है। जगजाहिर है कि गांव का चाहे पुरुष हो अथवा महिलाएं खुले मे शौच जाने की मजबूरी है। मानव मलमूत्र से उत्पन्न होने वाली बीमारियां ग्रामीणों को कब चपेट मे ले लें,इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं बता दें कि डीघ ब्लाक के अनेकों गांव में वनाये गये शौचालयों मे शायद ही कोई ऐसा हो जो प्रयोग के लिए जाना जाता हो। शौच के लिये सबसे अधिक समस्या बच्चियों व महिलाओं को उठानी पड़ती है।
ग्राम प्रधान सुरेश यादव द्वारा विकास के हर कार्यों मे कमीशनखोरी के के चलते अधिकतर बनते ही ध्वस्त हो गये। कहीं शौचालय के नाम पर सिर्फ ईट की दीवार खड़ी कर दी गई है गड्ढा वशिष्ठ के अभाव में बाहर शौच जाने की मजबूरी है शौचालय निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है कमीशनखोरी के चलते शासन की मंशा अधूरी है वहीं खुले में शौच जाकर ग्रामवासी बीमारियों को और बढ़ाने को मजबूर हैं। शौचालय बनवाने के नाम पर ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी व ठेकेदार द्वारा आधे अधूरे निर्माण को पूरा दिखाकर सरकारी रकम अधिकारी जा रही है वही ग्रामीणों के सवाल करने पर ग्राम प्रधान अथवा सेक्रेटरी द्वारा जवाब दिया जाता है कि जब शासन से पैसा आएगा तो निर्माण पूरा का पूरा कर दिया जाएगा।