भदोही। जिले में जहां हर जगह वृक्ष महाकुम्भ के तहत वृक्षारोपण हो रहा है और लोग वृक्ष लगाने में आगे आ रहे है। वही इसी बीच एक ऐसी खबर आ रही है। जो जिले में लापरवाही व मनमानी की बात को उजागर करने में कम नही है।
मामला डीघ ब्लाक के केदारपुर गांव का है जहां पर ग्राम्य विकास विभाग की करतूत से आम आदमी नही बल्कि ग्राम प्रधान खुद परेशान है। मालूम हो कि वृक्ष महाकुम्भ के अन्तर्गत हो रहे वृक्षारोपण में डीघ ब्लाक के केदारपुर ग्राम सभा को कलिक मवैया नर्सरी से दो हजार पेड़ आबंटित हुआ, जिसकी रसीद ग्राम प्रधान को दी गई है, लेकिन ग्राम प्रधान को दो हजार पेड़ों की जगह मात्र एक हजार पेड़ ही मिला। जो सूची में पेड़ों की संख्या निर्धारित थी उसमें भी काफी अन्तर रहा।
ग्राम प्रधान दिनेश शुक्ला ने बताया कि जब इसकी शिकायत सम्बन्धित अधिकारी से किया तो उन्होने किसी तरह ‘मैनेज’ करने की सलाह दे डाली। जबकि गांव वाले विभाग से मिले पेड़ को नही ले जा रहे है और ज्यादातर पेड़ सुख भी गये है। अब ग्राम प्रधान दिनेश शुक्ला को आशंका है कि यदि ऐसे ही रहा तो केदारपुर में निर्धारित लक्ष्य से वृक्षारोपण हो पाना असंभव है।
अब यहां सवाल उठता है कि यदि इसी तरह की लापरवाही व मनमानी पूर्ण रवैया सम्बन्धित विभाग व अधिकारियों का रहेगा तो जमीनी हकीकत और कागजी खानापुर्ति में काफी अन्तर दिखेगा। क्या यह मामला जिले के और गांवों का हो सकता है या अकेले केदारपुर को ही पीडित किया जा रहा है? इस सवाल का जबाब तो विभाग के अधिकारी ही दे सकते है कि सच्चाई क्या है?