Home खास खबर खून से लथपथ तड़पती रही मासूम और आरोपी से होता रहा सौदा

खून से लथपथ तड़पती रही मासूम और आरोपी से होता रहा सौदा

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👉पीड़िता क़ी माँ ने खोले राज़, रेप के सौदागर कर रहे थे सबूत मिटाने क़ी साजिश
👉सीसी टीवी फुटेज से खुल जाएंगे पुलिस क़ी लापरवाही के राज
👉थाना इंचार्ज पर हुई कार्रवाई तो मासूम के असली गुनहगार क्यों बचाए गए!
👉जब आरोपी रात को ही गिरफ्तार हुआ तो मुकदमा लिखने मे लापरवाही क्यों हुई

भदोही । उत्तरप्रदेश के भदोही जिले के अन्तर्गत सुरियावा थाना क्षेत्र के एक मुसहर बस्ती मे बुधवार को 4 वर्षीय अबोध बालिका के साथ अधेड़ व्यक्ति द्वारा किए गए दुष्कर्म के मामले मे सुरियावा पुलिस क़ी बड़ी लापरवाही सामने आई है़। इस मामले मे एसपी भदोही ने थाना इंचार्ज को निलंबित भले ही कर दिया किन्तु कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आये हैं जिसमें हल्का इंचार्ज , मुंशी और कुछ सिपाहियों पर भी गाज गिर सकती है़। पीड़िता के मा क़ी माने तो कुछ लोगों ने सबूत मिटाने क़ा दबाव डाला और दूसरी तरफ पुलिस ने भी आरोपी को बचाने क़ा मौका दिया और सौदेबाजी भी चलती रही ।

घटना बुधवार क़ी रात करीब दो बजे के आसपास क़ी है़, अबोध बच्ची अपनी झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे पर सो रही थी तभी पास के गाँव क़ा नरेश पासी नामक अधेड़ उसे उठा ले गया और झौपडे के करीब 50 मीटर पीछे ले जाकर उसके साथ रेप करने लगा! थोड़ी देर बाद जब उसकी मा ने देखा क़ी बच्ची गायब है़ तो उसे खोजने लगी और आसपास के लोगों से पूछताछ क़ी! खोजते खोजते वे झोपड़ी के पीछे पहुंचे तो आरोपी नरेश उसे छोड़कर भागने लगा । लोग दौड़ाए लेकिन वह भाग निकला ।

खून से लथपथ अबोध वहीं पर तड़प रही थी । परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे और घटना के बारे मे जानकारी दी। मामला जानने के बाद पुलिस आरोपी को लेकर थाने ले आई। लेकिन आरोपी के मुकदमा लिखने य़ा पीड़ित को अस्पताल भेजने क़ी कोशिश नहीं क़ी बल्कि पीड़ित को थाने यह बोलकर भगा दिया क़ी सुबह 10 बजे आना ।
परिजन रात को ही घर लौट गए और अबोध बच्ची रात भर दर्द से छटपटाती रही!

सुबह होते ही आरोपी को बचाने वाले सक्रिय हो चुके थे। सौदा शुरू हो गया । मासूम के दरिंदे को बचाने और बच्ची क़ी चीख को दबाने के लिए कुछ लोग पीड़ित क़ी मा के पास पहुंचे और बोले क़ी उसके साथ कुछ गलत नहीं हुआ बल्कि गिरने से लकड़ी धंस गई है़। चलो अस्पताल लेकर इलाज करा देते हैं! उनकी बातो को सुनकर माँ संशय मे पड़ गई लेकिन पास क़ा ही कोई व्यक्ति बस्ती पहुंचा और थाने जाने क़ी सलाह दी। पीड़िता को लेकर करीब 7 बजे कई महिलाएं थाने पहुंच गई । फिर भी पुलिस उनकी सुनने को तैयार नहीं थी । पुलिस ने एक बार फिर उन गरीबों को भागने को कहा और 10 बजे आने को बोला । लेकिन वे लोग वहीं डटे रहे।

थोड़ी ही देर मे यह बात फैल गई और मामले को ट्वीट कर दिया गया । मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान मे आने के बाद पुलिस के लिए घटना को दबाना मुश्किल हो गया । मीडीया मे भी यह बात फैल चुकी थी । एसपी रामबदन सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने क़ा आदेश दिया और प्रथम दृष्टया थाना प्रभारी
प्रदीप कुमार को निलंबित कर दिया । साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं ।

जांच यदि ईमानदारी से हुई तो उन सभी पुलिसकर्मियो पर गाज गिरेगी जो आरोपी को गिरफ्त मे लेने के बाद भी उसे बचाने के लिए दलालों से बात कर रहे थे । थाने मे लगे सीसी टीवी कैमरे क़ी जांच मे यह पता चल जाएगा क़ी पीड़ित कितने बजे थाने पहुंची । कौन पुलिसकर्मी था जिसने पीड़िता क़ा इलाज कराने के बजाय उसे भगाया और तड़पने को विवश किया । आरोपी को कितने बजे कौन थाने मे पकड़कर लाया । पीड़ित क़ी मा बता सकती है़ क़ी कौन था वह व्यक्ति जो पीड़ित को थाने ना जाने क़ी सलाह देकर इलाज कराने के बहाने सबूत मिटाने क़ी कोशिश किया ।
बच्ची को न्याय तभी मिलेगा जब घटना के बाद थाने पर सक्रिय हुए दलालों और पुलिस के गठजोड़ क़ी पोल खुलेगी । वैसे लोगों को भरोसा है़ क़ी जिले के संवेदनशील एसपी अबोध बालिका के गुनहगारों को सजा अवश्य दिलाएंगे ।
बताते चलें क़ी मुकदमा दर्ज कराने के बाद पीड़ित को अस्पताल भेजा गया जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया । हालत गंभीर होने क़ी वजह से पीड़ित को भदोही के एक निजी अस्पताल लें जाया गया । सूत्रो क़ा कहना है़ क़ी पीड़ित के गुप्तांग में टांके लगाएं गए हैं । निजी अस्पताल मे इलाज के बाद उसे सरकारी अस्पताल मे भर्ती किया गया है़। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है़।

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