Home भदोही माता-पिता का अपमान करने वाला नरकगामी होता है- संदीप महराज।

माता-पिता का अपमान करने वाला नरकगामी होता है- संदीप महराज।

हमार पूर्वांचल
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भदोही। गोपीगंज क्षेत्र के बेरासपुर में प्रदीप मिश्रा के आयोजित सात दिवसीय प्रवचन में संदीप महराज ने कहा कि ईश्वर का सब कुछ मानकर सत्कर्म करें। कहा कि माता-पिता ही पृथ्वी के साक्षात् देवी-देवता है। इनका अनादर करने वाले का सारा पुण्य पाप में बदल जाता है। कहा कि किसी देवी देवता की पूजा करें या न करें लेकिन अपने माता-पिता की सेवा व सम्मान करें। क्योकि माता-पिता ही पृथ्वी सजीव देवी-देवता है। माता-पिता की सेवा करने से घर के सभी बच्चे भी संस्कारवान व बुद्धिमान होते है। यदि माता-पिता सत्कर्म करें तो बच्चे स्वयं सीख लेते है। इसीलिए हमें चाहिए कि किसी को सुधारने के पहले स्वयं को सुधारे क्योकि मानव जीवन मिलना बडा ही कठिन है। लोग कहते है कि सभी आत्मा में परमात्मा है। तो हम सब को चाहिए किसी को सुख नही दे सकते तो कम से कम दुख तो मत दें। मानव जीवन का लक्ष्य केवल आत्मा का परमात्मा प्राप्ति व मोक्ष है। इसीलिए मानव को मोक्ष के लिए प्रयासरत रहकर सद्कर्म करना चाहिए। कहा कि लोग जो विभिन्न तरह के पाप करते है उनका यह लोक तो बर्बाद होता है इसके साथ-साथ वे अपना आगे का जन्म भी बिगाड लेते है। साथ में उनके पाप का फल उनके बच्चे व आने वाली पीढी भी भोगती है। दुष्ट, पापी व अन्यायी ब्राह्मण को प्रणाम करना या उसका सम्मान करना भी पाप है।

पं संदीप महराज ने मित्रता के बारे में बताया कि मित्र वही जो विपत्ति में काम आए। न कि मित्र को अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करना चाहिए। मित्रता कम लोगों से करें लेकिन मित्र की परीक्षा कभी नही लेनी चाहिए। जो मित्र के मित्रता की परीक्षा लेता है वह मित्र नही बल्कि व्यापारी होता है। अतः मित्रता का मोल नही करना चाहिए यह अनमोल है। कहा कि किसी तरह का पाप कर्म करने से उस पाप का भोग भोगना पडता है। मानव को चाहिए कि सद्कार्य करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए। मानव को उसके कर्मों का फल अवश्य भोगना पडता है। इस मौके पर माताचरण मिश्र, रामसजीवन तिवारी, अशोक कुमार, चुन्नीलाल, रामजियावन, सुधांशु मिश्र समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

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