मैंहर। मध्य प्रदेश के सतना जिले स्थित सुप्रसिद्ध शारदा देवी का वह मंदिर जिसके हजारो दर्शनार्थी प्रतिदिन इसी स्टेशन पर उतरकर या चढकर मातारानी का दर्शन कर अपने-अपने घरो तक जाते है जिस दरम्यान एक नं प्लेटफार्म से होकर इलाहाबाद(प्रयागराज) के तरफ यात्रीगणो का जाना होता है जबकि दो नं प्लेटफार्म से होकर मुंबई के तरफ यात्रीगण अपनी रवानगी करते है।
इसी दो नं प्लेटफार्म के जबलपुर छोर के तरफ उतरनेवाली सीढी से आगे इंडिकेटर कोच क्रमांक तकरीबन 10 के इर्द-गिर्द स्थित रेल्वे का वही स्टाल जो अंकित मूल्य से भी अधिक पैसो की उगाही कर यदि कोई इस बारें में सवाल-जबाव करता है तो घुमा फिराकर या गोलमटोल जबाब देकर आनाकानी करता है।
बता दें कि गत सप्ताह की गुरूवार को मुंबई आनेवाले सैकङो दर्शनार्थी शाम तकरीबन 7 बजे ट्रेन क्रमांक 11094 महानगरी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे उसी दरम्यान एक यात्री ने जब पानी की बोतल की मांग उक्त वेंडर से की तभी वह पानी की बोतल देकर 20 रूपये का नोट लेकर चुप बैठ गया। जब इस तरह की भनक उसी ट्रेन का इंतजार कर रहे एक पत्रकार को लगी और जब उससे स्पष्टीकरण मांगा गया तभी उस वेंडर के तरफ से जबाव मिला कि हम 30 रूपये में दो बोतल देगें। जब उसे छपे मूल्य पर ध्यान आकृष्ट कराया गया तभी उसका कहना था कि हमारे पास छुट्टा या खुदरा पैसा नही रहता।
इसी तरह सफर के दरम्यान जगह-जगह के अधिकृत या अनाधिकृत वेंडर्स एक कप चाय का मूल्य 10 रूपये लेते है तो जरूर परंतु 150 ML चाय देते नही। छपे हुए दर और मात्राओ की जब याद दिलायी जाती तो उन सबका जबाब यात्रियो को बरगलाने वाला ही रहता है। कारण चाहे जो भी हो हर तरह से ठगी का शिकार यात्रीगणो को ही होना पङता है आलम यह है कि देश बदल देने तक की स्लोगन देने वाली सरकार संबंधित विभाग अथवा प्रशासन को दुरूस्त तक नही कर पाती।