Home मुंबई मरीजों की सेवा ही सच्ची ईश्वरीय सेवा हैं….डाँ. ललित आनंदे

मरीजों की सेवा ही सच्ची ईश्वरीय सेवा हैं….डाँ. ललित आनंदे

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रिपोर्ट: प्रेम चौबे 

दुनिया भर में क्षय रोग (टी.बी.) से मचे हाहाकार में भारत विश्व का आठवां देश हैं। जहां क्षय रोग से प्रभावित 5/4लाख मामले दर्ज हैं। जिसमें प्राइवेट प्रैक्टिस की भी गिनती शामिल कर लें तो संख्याओं में और इजाफा हो सकता हैं। भारत युध्दस्तर पर इस भयंकर रोग के निदान मे कमर कसे हुए हैं। जहाँ सरकार निःशुल्क उपचार सेवा टी.बी. फ्री इंडिया का मुहिम चलाकर नागरिकों के स्वास्थ्य लाभ का भागीरथी प्रयास शामिल हैं। जिसमें विज्ञापन के द्वारा भी सचेत कीया जा रहा हैं। उ.प्र. के बाद महाराष्ट्र में तपेदिक के मरीजों की संख्या सर्वाधिक हैं।

इस बर्ष ही करीब सत्रह हजार नये मामले प्रकाश मे आऐ हैं।हमने इलाज मे कभी यह नहीं देखा की कौन वी.आई.पी हैं और वी.वी आई.पी. हमारे लिए सभी मरीज एक विशेष पर्सन होता हैं और चैंलेज भी, जिसे हम स्वीकारते है। और ईश्वर इस सेवा में हमारे साथ हमेशा होता। मरीजों की मुस्कान ही हमारी सेवा का प्रसाद हैं।”

ऐसी भावनाएं है, डाँ. ललित आनंदे (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) शिवड़ी हास्पिटल जहां के मरीज और कर्मचारी उन्हें देवता मानतीं हैं। अपने फर्ज सुबह 8:30 सुबह से सायं तक क्या रात्रि 9 बजे.तक का सयय एक सौ एक प्रतिशत अस्पताल को समर्पित उनकी दिनचर्या में शामिल है। डाँ. माता-पिता के घर जन्मे और 1989 मे मुंबई के नायर हास्पिटल से एम.बी.बी.एस करने के पश्चात,टी.बी.मुक्त भारत अभियान से जुड़े डाँ ललित आनंदे एशिया के सबसे बड़े टी.बी.अस्पताल शिवड़ी (1200 बेड ) मे बतौर 26 वर्ष की निरंतर चिकित्सकीय सेवा आठ पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनने के बाद भी लगभग 200 मरीजों से मिलकर उनकी औषधीय मदद या अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपकरण मुहैया कराना, आज भी 400 सौ से पांच सौ मरीज प्रतिदिन ओ.पी.डी.मे आते है। आज भी लोकल ट्रेन,बस या रिक्शों मे चलकर,युवाओं को अपने मिशन मे प्रेरित करना और झुग्गी बस्तियों में तपेदिक के प्रति अलख जगाना आज भी उनकी प्रमुखता हैं।

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