महायज्ञ की परिक्रमा से सभी तीर्थों का फल मिलने के साथ ही सभी विकार और बाधाएं समूल नष्ट हो जाती हैं।
“””रुद्रचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम कथा”””
चित्रकुट अखण्डाश्रम परिसर भिदिउरा ज्ञानपुर भदोही में आयोजित 11 दिवसीय रुद्रचंडी महायज्ञ में चौथे दिन परिक्रमा देने भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पडी। भक्तगण परिक्रमा देने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते क्योंकि रुद्रचंडी महायज्ञ में आहुति देने और फेरी लगाने का मौका बड़े भाग्य से मिलता है।महायज्ञ संपन्न कराने वाले आचार्य भक्तों को बता रहे हैं कि जो लोग किसी कारणवश तीर्थ की यात्रा पर नहीं जा सकते, वे यदि महायज्ञ की परिक्रमा करके उन तीर्थों को याद करें तो तीर्थयात्रा के बराबर फल मिलता है। महायज्ञ की परिक्रमा करने के दौरान गिनती न भूल जाएं इसलिए भक्तगण अपने हाथ में फूलों की पंखुड़िया अथवा इलायची दाना रख रहे हैं। जैसे-जैसे परिक्रमा करते जाते हैं, वैसे-वैसे एक-एक पंखुडी अर्पित करते जाते हैं। कोई भक्तगण 11, कोई 51 और कोई 108 परिक्रमा दे रहे हैं।
यज्ञ से मिलेगा ज्ञान, आत्मबल
यज्ञाचार्य पं.राजेश जी महराज ने बताया कि रुद्रचंडी महायज्ञ का अनुष्ठान जन मानस के लिए विशेष कल्याणकारी माना गया है। यज्ञ मंडप की परिक्रमा लगाने से तीर्थों के भ्रमण का फल मिलता है। सर्व मनोकामना के लिए महायज्ञ अनुष्ठान हो रहा है। यह केवल यज्ञ अनुष्ठान ही नहीं है बल्कि शक्ति साधना है। यह शक्ति मनुष्य के व्यवहारिक जीवन की आपदाओं का निवारण कर ज्ञान, बल प्रदान करती है। यज्ञ स्थल पर सुबह शाम श्रीपूजन, पाठ, हवन किया जा रहा है।
श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा वाचक श्री अनिल पाराशर महाराज ने प्रवचन देते हुये कहा कि श्री राम कथा हर व्यक्ति को सुनना चाहिए। रामचरित मानस जानकारी और समझदारी का महाकाव्य है। यह पूरे मानव जाति एवं मानव सभ्यता के लिए आचार संहिता का काम करता है। किसी भी अमर्यादित कार्य के पहले आत्मा को उस काम का गलत होने संकेत देता है। इस मौके पर विधायक औराई दीनानाथ भाष्कर, पूर्व विधायक पुर्णमासी पंकज, संतोष महराज, विधापति कोकिल्, सुरेश पाण्डेय मंजुल, डा राजकुमार पाठक, राजबलि उपाध्याय, बटुकशन्कर, विजय नाथ तिवारी, रत्नाकर पाठक, श्यामधर चौहान, लालमणी यादव, लालबहादुर, बृजमोहन जायसवाल, समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे..।