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जो बेटा अपने मां बाप का सम्मान नहीं कर सकता वह श्री राम कथा सुनने का अधिकारी नहीं-निर्मल शरण महराज

हमार पूर्वांचल
निर्मल शरण जी महराज।

भदोही: ज्ञानपुर स्थित मुखर्जी पार्क में चल रही श्रीराम कथा में श्री निर्मल शरण जी महाराज जी ने भगवान राम के प्राकट्य की कथा सुनाते हुए बोले की भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए मानव रूप में आते हैं वास्तविकता तो यह है कि भगवान सर्व समर्थ हैं। रावण कुंभकर्ण जैसे राक्षसों को बिना अवतार लिए भी खत्म कर सकते थे लेकिन मां का प्यार मां की लोरी मां की गोदी मां का दूध यह बिना मानव लीला के संभव नहीं था। सत्यता यही है कि भगवान मां का प्यार पाने के लिए इस भारत वर्ष में अवतार लेते हैं। हमें जीवन कैसे जीना है। इसकी शिक्षा भगवान राम की जीवनशैली से मिलती है। माता-पिता व गुरुजनों का सम्मान करना भ्रातृत्व प्रेम छोटे बड़ों का सम्मान कैसे करना चाहिए? इसकी शिक्षा भगवान राम के चरित्र से मिलती है। पूज्य महाराज जी ने बतलाया जो बेटा अपने मां-बाप का सम्मान नहीं कर सकता वह श्री राम कथा सुनने का अधिकारी नहीं है। यदि जीवन में कुछ कर सकते हो तो अपने माता-पिता का सम्मान करो किसी का दिल मत दुखाओ असहाय निर्बल लोगों की सहायता करो किसी की आंख में आंसू आने का कारण मत बनो हो सके तो लोगों के चेहरे पर खुशियां बांटो इससे बढ़कर कोई पूजा नहीं। महाराज दशरथ की कोई संतान न थी लेकिन गुरुदेव वशिष्ट जी की कृपा से चार पुत्रों की प्राप्ति हुई जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने का काम कोई महात्मा ही करता है। भगवान राम के प्राकट्य की कथा सुनकर लोग भाव विभोर हुए और सभी भक्त खूब नाचे। आज की प्रमुख आरती में कृपा शंकर पांडे रिकेश मिश्र जितेंद्र पांडे मनोज तिवारी रोहित अन्नू पांडे संतोष तिवारी इत्यादि उपस्थित रहे।

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