साभार : गूगल
१४ फ़रवरी की पुलवामा में जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाली घटना थी। निंदनीय और एवं शर्मनाक घटना पड़ोसी देश और आतंकवादियों द्वारा किया गया। हमारे ४२ जवान शहीद हो गए जिनके शहादत की भरपाई कोई नहीं भी कर सकता और ना ही कभी हो सकती है।
घटना के तुरंत बाद और अब तक सरकार का जो रवैया है वो बड़ा ही ढुलमुल दिख रहा है। सिर्फ़ बातें हो रही है और कुछ नहीं और ऊपर से इनका आई॰टी॰ सेल शोशल मीडिया पर मानो की पाकिस्तान को मार कर छलनी कर दिया हो और जंग जीत लिया।
इसी बीच कल टी॰वी॰ पर पाकिस्तानी पी॰एम॰ का ६ मिनट का विडीओ आया दोपहर में तो मुझे लगा की ये तो गाँवँ का झगड़ा दिख रहा है जहाँ दो परिवार के लोग सिर्फ़ बातों से लड़ते है और कुछ नही। गाँव में जब दो गुटों में झगड़ा शुरू होता है तो दोनो एक दूसरे को धमकाना शुरू करते है और करते कुछ नहीं। यहाँ भी यही दिख रहा है घटना के बाद हमारे प्रधानमंत्री या कहे प्रधानसेवक (जैसा कि वो कहते हैं) या देश के चौकिदार ने कहा की “बहुत बड़ी ग़लती कर दी है हम छोड़ेंगे नहीं” अब इस स्टेटमेण्ट पर देश में जितने भक्त है वो झूम उठे और लगे गुणगान करने लगे अपनी पीठ थपथपाने, लेकिन आज ६ दिन हो गए हैं सिर्फ़ बाते और ज़ुबानी धमकी और कुछ नहीं। ये सब सुनते सुनते पाकिस्तान का पी॰एम॰ थक गया और कल वो भी आकर टी॰वी॰ पर बोल दिया। इमरान की बातों से लग रहा था की वो गिधड भभ्क़ी दे रहा है करेगा कुछ नहीं। इमरान जिस तरह से बोल रहा था उससे ये लग रहा था की भाई सिर्फ़ तुम बातों के शेर नहीं हो हम भी है ।
ये सब ठीक उसी तरह लग रहा है जैसे गाँवँ में दो लोग झगड़ते है जिसमें एक बलवान होता है और दूसरा दुस्ट होता है और कुछ करते नहीं सिर्फ़ कहते हैं एक कहेगा कि तुझे देख लूँगा ये तुझे महँगा पड़ेगा, और दूसरा छुप कर मिमिया कर डरा हुआ सा बोलेगा की तुम कुछ करोंगे तो हम क्या चुप रहेंगे और सबके सामने रोएगा भी।
सोचने वाली बात है की एक तरफ़ हम विश्व की शक्ति बनते है और जब हमपर कोई हमला करता है तो हम सिर्फ़ बातें करते है और कुछ नहीं। हमें सिखाना होगा इज़राइल जैसे देशों से जिसने अपने दुश्मनों को नाके चना चबवा दिया।