कल्याण : इस अति व्यस्त स्टेशन से होकर जानेवाली गाङी नं 11061 पवन एक्सप्रेस में जो इलाहाबाद के रास्ते वाराणसी होते हुए दरभंगा तक जाती है उस गाङी में 29 नवंम्बर को पीने की पानी की बोतलें 20 रू मे धङल्ले से बेची जा रही थी।
जबकि रेल्वे यात्रियो का कहना था कि जब रेल्वे ने मुद्रित दर से अधिक कीमत नही लेने की फरमान जारी कर दी है तो फिर ऐसी लूट खसोट क्यू ?
बता दें कि उक्त गाङी में ही बिहार के मधुबनी जिला जानेवाले S3 कोच के यात्री सुलेमान भाई का कहना था कि 15 रूपये की बोतल को 20 रुपये में बेचना सरासर अन्याय है। पता नही रेल्वे विभाग ऐसे मुनाफाखोरो के उपर कार्रवाई क्यो नही करती ?
बतातें चलें कि इसी गाङी से यात्रा कर रही रिंकी मिश्रा का कहना था कि मै इस गाङी के रसोईयान के तीन कर्मचारीयो से पानी की बोतलो की मांग की वे सभी 20 रूपये प्रति बोतल के दर से पैसे मांग रहे थे। पूछने पर 5 रुपये छुट्टे पैसे नही है अथवा यह 15 रुपये वाली क्वालिटी नही है आदि-आदि के बहाने बनाते थे। एक अन्य यात्री ने जब 7अप नामक कोल्ड्रिंक की मांग की तो उसे वेटर ने 45 रुपया बताया जबकि उसपर 40 रूपया का अंकित मूल्य लिखा था। तीन चार यात्रियो के काफी तू-तू मैं-मैं के बाद वह 40 रुपये में दिया। यात्रियो का कहना है कि सरकारे कोई भी आती-जाती है मगर ऐसे लोगो पर नकेल नही कसती इसका मतलब हो न हो कही न कही अधिकारीवर्गो को भी ऐसे लोगो से मिलीभगत होगी।