Home गुजरात मन की बात: पीड़ित विधवा को चरित्रहीन बताना कितना उचित

मन की बात: पीड़ित विधवा को चरित्रहीन बताना कितना उचित

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bhadohi
अपनी झोंपड़ी के पास खड़ी विधवा

आज मेरा मन इस तरह से विचलित हो रहा है कि हमारा समाज तुच्छ मानसिकता की वजह से किस दिशा में जा रहा है क्यों एक इंसान अपने वर्चस्व को रखने के लिए दूसरे इंसान के सम्मान के साथ राजनीति कर रहा है । पिछले दिनों भदोही के मोढ़ क्षेत्र के बरमोहनी गांव के दीक्षित परिवार की खबर से आम इंसान को क्या फर्क पड़ा मुझे नहीं पता पर जब मेरे मन में ग्राम प्रधान की लापरवाही की बात आई तो मैं खुद ग्राम प्रधान से फोन पर बात किया।

प्रधान ने बताया कि पीड़ित महिला झूठ बोल रही है वो दो चार लोगों के बहकावे में आकर इस तरह के आरोप लगा रही है इतना ही नही उन्होंने पीड़ित महिला के चरित्र पर भी सवाल उठा दिए । एक महिला के सम्मान के कारण मैं प्रधान की बातों को खुल कर नहीं लिख सकता । परंतु इस बात की मैं कोटि कोटि निंदा करूँगा की एक प्रधान को अपने ग्राम सभा के नागरिकों के बारे में इस तरह की अनैतिक बातें नहीं बोलनी चाहिए वो भी सिर्फ अपनी गलती को छुपाने के लिए क्योंकि हमारे भारत वर्ष की संस्कृति रही है ”यत्र नारी पूज्यते तत्र देवता रमन्ते” मतलब जहाँ नारी का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते है । और आज एक ग्राम प्रधान जो पूरे ग्राम सभा का मुखिया है वो अपने ग्राम सभा के अबला निर्बल बिधवा के बारे में इस तरह की बात बोल रहा है तो दूसरे लोग कैसे कैसे आरोप लगाएंगे ये उसको तनिक भी परवाह है।

मैं तो उस बरमोहनी ग्राम के लोगो की भी निंदा करूँगा जो ऐसे तुच्छ मानसिकता वाले घृणित ब्यक्ति को गांव का प्रधान चुने । इस बात से मैं इतना विचलित हुआ कि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ तो मैं बरमोहनी गांव के ही पीड़ित परिवार के पड़ोसियों से संपर्क किया तो अमन दीक्षित के अनुसार गांव के प्रधान चुनाव रंजिस से ही लोगो को सरकार के सुविधाओं को आवंटित किया है । अमन जी के अनुसार गांव के प्रधान ने अमन जी के आवास के लिए खुद उनसे भी 20000 रुपये लिए तब उनको आवास आवंटित किए है । जबकि पीड़ित का भी नाम आवास की नामावली में था पर पीड़ित सुविधा शुल्क देने में असमर्थ था तो उसके नाम को काट कर दूसरे को आवंटित कर दिए जिसने सुविधा शुल्क दिया।

अमन के अनुसार मृतक बहुत ही गरीब था जो दिहाड़ी की मजदूरी करके घर का खर्च चलता था । रहने के लिए उनके पास एक पुराना कच्चा मकान था। जिसमें मृतक के भाई लोग रहते है जबकि मृतक की पत्नी अपने खुद के रहने के लिए एक मढहा बनाया । अमन ने बताया कि ग्राम प्रधान गांव के कुछ बड़े लोग जो पैसे वाले है उनके इशारो पर ही लोगो को चिन्हित करके ही सुविधावों से लाभान्वित करते है । कौन सुविधा के लिए योग्य है इस बात की अनदेखी करते है ।

अंत में मैं सिर्फ यही कहूंगा कि क्या यही मोदी जी और योगी की का विकास है । क्या वाकई में गरीबो के आवास के लिए सरकार सुविधा शुल्क लेती है। आखिर कब तक ऐसे ही गरीबों की आवाज को दबाया जाएगा । क्या आज जो दीक्षित परिवार के साथ हुआ वो एक ब्राह्मण होने के कारण हुआ । क्यों आज प्रशासन ऐसे भ्रष्ट प्रधानों के ऊपर अंकुश नहीं लगाती क्या प्रशासन भी इसमें सम्मिलित रहती है।