Home भदोही यह झाड़ियों से भरी गांव की पगडंडी नहीं

यह झाड़ियों से भरी गांव की पगडंडी नहीं

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दो भाग में बंटी भदोही, दो सरकार, लेकिन अब भी है विकास का इंतजार

मुसीबत झेल रहे लोग जीते हैं गुलामी की जिंदगी

भदोही। कालीन नगरी में कई वर्षों से निर्माणाधीन ओवरब्रिज पर उगी झाड़ियों को देखकर लगता है कि यह किसी पिछड़े हुये गांव की पगडंडी है,लेकिन यह पगडंडी नहीं जनाब भदोही का ओवरब्रिज है। सपा सरकार में शुरू हुआ ब्रिज अबतक नहीं बन पाया है जबकि भाजपा सरकार का कार्यकाल भी यूपी से खत्म होने वाला है। मासूम तो यहां की जनता है जो गुलामी की जंजीरों से जकड़ी नजर आती है। अपनी किस्मत नेताओं के हाथ लिख देती है, लेकिन मजाल है कि कभी आवाज उठा दे।

गौरतलब है कि आनन्दनगर गजिया में जाम के झाम को देखते हुये ओवरब्रिज निर्माण की आवाज काफी दिनों से उठायी जा रही थी। सपा सरकार के दौरान ओवरब्रिज निर्माण का कार्य भी शुरूहो गया, लेकिन सरकार बदलते ही राजनीतिक दुष्चक्र में निर्माण कार्य रोक दिया गया। किसी तरह निर्माणफिर शुरूहुआ लेकिन कच्छप गति से चल रहानिर्माण भदोही वासियों की जिन्दगी को बदहाल बना दिया है। हालात यह हैं कि भदोही नगर दोभागों में विभक्त हो चुका है। आनन्दनगर गजिया में रहने वाले दुकानदारों की आजिविका छिन चुकी है। लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं किन्तु किसी जनप्रतिनिधि के कान पर जूं रेंगता दिखायी नहीं दे रहा है।
यदि किसी को भदोही नगर से कार्यवश तहसील या रजपुरा आनाहोतो उसे रेवड़ापरसपुर के गड्ढेयुक्त मार्गयाफिर पकरी तिराहे से होकर सिविल लाइन की जर्जर सड़क से आना होगा। इसमें लोगों के कई घंटे बर्बाद हो जाते हैं।
विडम्बना तो यह है कि इतनी मुसीबत झेलने के बाद भी मासूमियत दिखा रही जनता जैसे गुलामी के जंजीरों में जकड़ी हुई हो। इस मामले को लेकर आजतक आमजन की तरफ से कभी आवाज बुलंद नहीं की गयी। बारिश के दिनों में नारकीय जिंदगी जीने को लोग विवश हैं किन्तु खुद भी जनप्रतिनिधियों की तरह मौन धारण किये हुये हैं।

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