जीवन में घटनायें घटित होना आम बात हैं। कहीं आंधी तो कही तूफान, कहीं बारिश तो कहीं सूखा। प्रकृति है तो प्राकृतिक घटनायें भी घटती ही रहेंगी। लेकिन मुम्बई में पिछले दिनों घटी एक प्राकृतिक घटना ने युवा दिलों की धड़कने ही बढ़ा दी। सूखी पड़ी भावनाओं में बहारें हिलोरे लेने लगी। प्रकृति की इस घटना ने सूखी पड़ी प्यार की बागवानी में हरियाली ला दी।
बता दें पिछले कई महीनों से मुम्बई का मौसम लोगों के लिये भारी पड़ रहा था। चिलचिलाती धूप और बदन से बहता पसीना लोगों का जीवन दुश्वार किया था। गर्मी के मौसम प्रेमी जोड़ों का दिन भर गायब रहना पार्कों को भी भारी पड़ रहा था जिससे पेड और पत्तियां मुरझाने लगी थी। दिन के समय समन्दर का किनारा वीरान नजर आने लगा था। प्रेमी जोड़ों का अघोषित स्वर्ग बैण्ड स्टैण्ड अपने अकेलेपन को कोस रहा था, क्योंकि दिन की कड़ी धूप में गरम पड़े पत्थरों पर कोई बैठता ही नहीं था।
तीन दिन पूर्व जब मुम्बई की तपती धरती पर बारिश की लहराती बूंदे श्रृंगार करने लगी तो हर तरफ बहार नजर आने लगी। युवा दिलों की धड़कनें बढ़ गयी और मन में उमंगे हिलोरे लेने लगी। फोन और व्हाट्सअप पर संदेशों का आदान प्रदान मिलने के लिये होने लगा। पानी की फुहारों के बीच चौपाटी गुलजार होने लगी। मरीन लाइन्स, गिरगांव, जूहू समन्दर के किनारे दिन को भी युवा जोड़ों से हरे भरे नजर आने लगे। बैण्ड स्टैण्ड के वीरान पड़े पत्थरों ने भी गर्माहट महसूस की।
😊😊वाह बहुत बढ़िया लेख !
बिल्कुल सराहनीय लेख
शानदार लेख