मुम्बई से सटे ठाणे शहर के घोङबंदर रोड के परिसर क्षेत्र में संयुक्त परिवार के साथ रहनेवाले रामप्यारे सिंह उर्फ आर पी सिंह ‘रघुवंशी ‘आज समाजसेवक सहित साहित्य जगत में परिचय के मोहताज नहीं। उनका काम ही उनका परिचय दिला दिया है।
ज्ञातव्य हो कि जौनपुर जिले के केराकत और डोभी जैसे मशहूर तहसील के कुशरना ग्राम में जन्म लेकर श्री सिंह आज जौनपुर के साथ साथ मुंबई के जनमानसों के बीच भी काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके है।
बतातें चलें कि १९७६ में महानगर टेलिफोन निगम मे जब नौकरी करना शुरू किये तभी से ही वे और भी कर्मचारीगणों के हित के लिए सोचने लगे और इसी कारण वे यूनियन लीडर का पदभार भी ग्रहण कर कर्मचारीगणों के हितकार्य ही करते रहे।
इसी बीच वे अपने पिताश्री पारसनाथ सिंह रघुवंशी जी से मिले हुए संस्कारों से अपने समाज के लोगों के शादी विवाह के पवित्र रिश्तो मे बंधन हेतु मैरेज व्यूरो के माध्यम से भी अनेक लोगों को सेवाँए देते रहे। इसके बाद भी समाजसेवा करते रहने से जब इनकी प्यास तृप्त नहीं हुई तब ये राष्ट्रीय राजपूत सेवा संघ की सदस्यता ग्रहण कर इसमें भी मैरेज व्यूरो का पदभार ग्रहण कर इस पद को भी वर्षो तक सुशोभित करते रहे। साथ ही साथ इसी संघ के बैनर तले हर वर्ष दसवीं एवं बारहवी वर्ग में उतीर्ण पारितोषिक कार्यक्रमों में उदघोषक की भूमिका निभाते हुए हजारों विद्यार्थियों का हौसलाअफजाई करते रहे।
साहित्यसेवा के क्षेत्र में जब इन्हे कुछ करने का ख्याल आया तब इन्होंने भारतीय जनभाषा प्रचार समिति की स्थापना कर आज भी हर महीने के अंतिम शनिवार को ये काव्यगोष्ठी का आयोजन ठाणे में कराते रहते है जिसमें नालासोपारा ,विरार से लेकर अंबरनाथ, टिटवाला सहित मुंबई के भी अनेकों कविगण अपनी सेवाँए देने आते रहते है।
यह साहित्य गंगा इनके ही प्रयासों से पिछले २८ वर्षो से भी अधिक समय से उक्त क्षेत्र में बह रही है जिसमें बीच बीच मे बहुभाषीय काव्यगोष्ठी का भी आयोजन कराते रहते हैं। जिसमें हर सम्प्रदाय के कविगणों के बीच पारितोषिक वितरण स्पर्धा का भी आयोजन होते रहता है।
२०१४ में अपने नौकरी से सेवानिवृत्त हुए श्री सिंह आज भी घोङबंदर रोड के ही क्षेत्र परिसर में एल आई सी का कार्यालय खोल सैकङो लोगो को बीमा सेवांए के द्वारा भी अपनी सेवा जारी रखे है जिसका लाभ जीवन के साथ भी और मरने के बाद भी लोगो को मिल रहा है।
इसके बाद भी बताते चले की इनके दोनो पुत्र स्वतंत्र कुमार और अविनाश कुमार कम्प्यूटर इंजीनियर तथा आई टी इंजीनियर तथा एक पुत्री भी इंजीनियर के ही माध्यम से भी लोगों को सेवाँए दे रहे है जिन सभी उपलब्धियों में इनकी पत्नी का भी भरपूर योगदान है जिस कारण ओ पी सिंह रघुवंशी समाजसेवा के क्षेत्रों सहित साहित्य प्रेमियों के कायल बने हुए है।