कल्याण:पूर्व के कैलाश नगर नाका से सहयाद्रीपार्क के बीचो बीच का यह हनुमान मंदिर तकरीबन २००५ से हर महीने के चतुर्दशी एवं पूर्णमासी के रोज उक्त सम्पुट के साथ गूँजता रहता है जहां मुंबई एवं उसके उपनगरीय इलाको में बसे पूर्वांचल वासियो का जमावाङा भी लग जाता है।
बता दें कि इस मंदिर पर चतुर्दशी के रोज सुबह होते ही पूजा पाठ आदि की शुरुवात हो जाती है और दिन के तकरीबन ११ बजे अखंडरामायण पाठ का शुभारंभ हो जाता है जिसमे दर्जनो मंडल या संस्था आदि से जुङे गायक वादक गण अपनी गायन वादन की कलाओं का जौहर दिखाते है उसमें हर बार महाबीर विनमऊँ हनुमाना। राम जास जसु आप बखाना।। का ही सम्पुट रखा जाता है।
बतातें चलें कि १८ फरवरी को उक्त समय पर ही शुरू हुए अखंड रामायण पाठ का समापण १९ फरवरी के दोपहर के ४ बजे तक भी नही हुआ था। जबकि आमतौर पर इस पाठ के वाचन में जहां २४ घंटे से लेकर २६ घंटे तक का समय लग जाता है वही उसी पाठ के वाचन में इस मंदिर पर तकरीबन ३२ घंटे से भी अधिक का समय लग जाता है।
गौरतलब हो कि इस मंदिर परिसर में ही होनेवाले कार्यक्रमो से सीखें हुए दर्जनो पुजारी और कलाकार आदि मुंबई एवं उससे सटे उपनगरो तथा पूर्वांचल के तरफ अपनी विधा की सेवांए दे रहे है।
मंदिर के पुजारी शर्मा जी के कहनानुसार एक तरफ साईंमंदिर के पुजारी पंडित ऋषिमुनि शुक्ला एवं अनिल तिवारी, सत्यनारायण भगवान के कथावाचक पंडित अभिषेक शास्त्री, पंडित पप्पू उपाध्याय आदि अपनी पाण्डित्य सेवाँए दे रहे है वही दूसरी तरफ गायक दिनेश मिश्रा, मनोज तिवारी, मनोज शुकला, विजय उपाध्याय, राज, राकेश, संदीपलाल यादव, वादक लक्की मास्टर, आनंद तिवारी, छोटू गुप्ता, उमेश तिवारी, आलेख दुबे आदि आज वे सभी जो विभिन्न क्षेत्रो में अपनी बेजोङ सेवाँए देते है वे सभी इसी मंदिर से अपनी कलाओ के गुङ हासिल कर निकले है।