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इस बार दीपावली में कई तरह के योग बन रहे है

Atul shastri
Atul shastri

दिवाली तो हर साल मनाई जाती है और हर वर्ष का मुहुर्त भी अलग-अलग होता है। इस बार दिवाली का त्योहार 7 नवम्बर को मनाया जाएगा और इस बार दीपावली में कई तरह के योग बन रहे है।

इस साल से पहले 1 नवंबर 1959 को दीपावली पर गुरु वृश्चिक में, शनि धनु राशि में था।
भक्तों को दिवाली में इस बार काफी ध्यान देने की आवश्यकता है। कई बार ऐसा होता है कि आप पूजा तो करते है पर आपको पता नहीं होता कि आप सही कर रहे है या गलत कर रहे है और
इसपर मुहूर्त का ही पूरा ध्यान रखा जाता है।
इस दिवाली आपको इन बातों के बारे में पता होना चाहिए कि इस बार होने वाले ये योग आपके लिए बहुत कुछ लेकर आ रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है इस बार की खास बात…
गुरु ग्रह मंगल की राशि में होने से जमीन से जुड़े काम करने वाले लोग लाभ में रहेंगे।

शनि गुरु की राशि में होने से डॉलर के भाव कमी आने की संभावना है।
रुपया मजबूत हो सकता है। तेल के भाव भी कम हो सकते हैं।

दिपावली, 7 नवम्बर, बुधवार के दिन की रहेगी। इस दिन स्वाती नक्षत्र प्रात: 19:36  तक रहेगा उसके बाद विशाखा नक्षत्र है, इस दिन आयुष्मान योग सौभाग्य योग रहेगा  तथा चन्दमा तुला राशि में संचार करेगा। दीपावली में अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, शुभ लग्न व चौघाडिया मुहूर्त विशेष महत्व रखते है. दिपावली व्यापारियों, क्रय-विक्रय करने वालों के लिये विशेष रुप से शुभ मानी जाती है।

प्रदोष काल मुहूर्त कब:-

07 नवम्बर 2018, बुधवार के दिन मुबई तथा आसपास के इलाकों में 18.35 से 20:33 तक प्रदोष काल रहेगा। इसे प्रदोष काल का समय कहा जाता है। प्रदोष काल समय को दिपावली पूजन के लिये शुभ मुहूर्त के रुप में प्रयोग किया जाता है। प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न समय सबसे उतम रहता है। इस दिन 18.32 से 20.33 के दौरान वृष लग्न रहेगा।  प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों रहने से मुहुर्त शुभ रहेगा।
अगर किसी कारणवश आप वृषभ काल में पूजा नहीं कर पाते हैं तो इस दिन के किसी भी लग्न काल में पूजा कर सकते है।

दिवाली की पूजा के लिए चार मुहूर्त होते हैं जो इस प्रकार हैं :-
१) वृश्चिक लग्न –

यह दिवाली के दिन की सुबह का समय होता है. वृश्चिक लग्न में मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है।  राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजाकरते है।

२) कुम्भ लग्न –

यह दिवाली के दिन दोपहर का समय होता है. कुम्भलग्न में वे लोग पूजा करते है, जो बीमार होते है, जिन पर शनि की दशाख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है.

३) वृषभ लग्न –

यह दिवाली के दिन शाम का समय होता है। यहलक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता हैं।

४) सिहं  लग्न –

यह दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है।  संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते हैं.

प्रदोष काल का प्रयोग कैसे करें?:-

प्रदोष काल में मंदिर में दीपदान, रंगोली और पूजा से जुडी अन्य तैयारी इस समय पर कर लेनी चाहिए तथा मिठाई वितरण का कार्य भी इसी समय पर संपन्न करना शुभ माना जाता है।

इसके अतिरिक्त द्वार पर स्वास्तिक और शुभ लाभ लिखने का कार्य इस मुहूर्त समय पर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इस समय पर अपने मित्रों व परिवार के बडे सदस्यों को उपहार देकर आशिर्वाद लेना व्यक्ति के जीवन की शुभता में वृ्द्धि करता है। मुहूर्त समय में धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा।

निशिथ काल;-

निशिथ काल में स्थानीय प्रदेश समय के अनुसार इस समय में कुछ मिनट का अन्तर हो सकता है। 7 नवम्बर को 20:16 से 22:15 तक निशिथ काल रहेगा. निशिथ काल में 19:37 से 24:25  तक की शुभ की चौघडिया रहेगी, ऎसे में व्यापारियों वर्ग के लिये लक्ष्मी पूजन के लिये इस समय की अनुकूलता रहेगी।

दिपावली पूजन में निशिथ काल का प्रयोग कैसे करें:-

धन लक्ष्मी का आहवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य सम्पूर्ण कर लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त समय का प्रयोग श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य मंन्त्रों का जपानुष्ठान करना चाहिए।

महानिशीथ काल:-

धन लक्ष्मी का आहवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य सम्पूर्ण कर लेना चाहिए. इसके अतिरिक्त समय का प्रयोग श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य मंन्त्रों का जपानुष्ठान करना चाहिए।
7 नवम्बर 2018 के रात्रि में 22:49 से 2.58 मिनट तक महानिशीथ काल रहेगा।  महानिशीथ काल में पूजा समय चर लग्न में कर्क लग्न उसके बाद सिंह लग्न भी है, तो विशेष शुभ माना जाता है। महानिशीथ काल में कर्क लग्न और सिंह लग्न होने के कारण यह समय शुभ हो गया है। जो जन शास्त्रों के अनुसार दिपावली पूजन करना चाहते हो, उन्हें इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग करना चाहिए।

महानिशीथ काल का दिपावली पूजन में प्रयोग कैसे करें ?:-

महानिशीथकाल में मुख्यतः तांत्रिक कार्य, ज्योतिषविद, वेद् आरम्भ, कर्मकाण्ड, अघोरी,यंत्र-मंत्र-तंत्र कार्य व विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं शक्तियों का आवाहन करना शुभ रहता है। अवधि में दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुखा दीपक रात भर जलता रहना चाहिए. यह दीपक लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

चौघडिया – 07 नवम्बर , 2018 – मुबई

चोघडिया, दिन
लाभ 06:43 – 08:07 शुभ
अमृत 08:07 – 09:32 शुभ
काल 09:32 – 10:57 अशुभ
शुभ 10:57 – 12:22 शुभ
रोग 12:22 – 13:47 अशुभ
उद्वेग 13:47 – 15:12 अशुभ
चाल 15:12 – 16:37 शुभ
लाभ 16:37 – 18:01 शुभ

चोघडिया, रात
उद्वेग 18:01 – 19:37 अशुभ
शुभ 19:37 – 21:12 शुभ
अमृत 21:12 – 22:47 शुभ
चाल 22:47 – 24:22* शुभ
रोग 24:22* – 25:57* अशुभ
काल 25:57* – 27:33* अशुभ
लाभ 27:33* – 29:08* शुभ
उद्वेग 29:08* – 30:43* अशुभ

7नवम्बर दीपावली प्रकाश का त्यौहार हैं जो यह सीख देता हैं कि व्यक्ति के जीवन में सुख दुःख सदैव आता-जाता रहता है। इसलिए मनुष्य को वक्त की दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए। न दुःख से टूटना चाहिए और ना ही सुख का घमंड करना चाहिए। दिवाली का महत्व ही यही हैं जो उसकी पौराणिक कथाओं में छिपा हुआ हैं। कैसे भगवान का स्वरूप होते हुए भी राम, लक्ष्मण एवम सीता को जीवन में कष्ट सहना पड़ा। इस त्यौहार के पीछे जिस राम के चरित्र का वर्णन हैं वो मनुष्य जीवन का आधार हैं, और रावण का चरित्र भी मनुष्य को यही सीख देता हैं कि कोई कितना भी ज्ञानवान क्यों न हो अगर घमंड के बिछौने पर सोयेगा तो उसका अंत निश्चित हैं।  इस प्रकार यह प्रकाश पर्व मनुष्य को अन्धकार से प्रकाश की तरफ जाने का संकेत है।

पुराणों के अनुसार उस दिन से यह त्यौहार मनाया जा रहा है जब श्रीराम लंकापति रावण को पराजित कर और अपना वनवास समाप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे। उस दिन अयोध्यावासियों ने कार्तिक अमावस्या की रात अपने-अपने घरों में घी के दीप प्रज्वलित कर खुशियाँ मनाई थी।

इस दिन दिवाली पूजन करने की विशेष महत्त्व है। दिवाली पर विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन करने की परंपरा है। माँ लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश पूजन, कुबेर पूजन एवं बही-खाता पूजन भी किया जाता है।

दीपावली लक्ष्मी पूजन सामग्री:-

माँ को वस्त्र में लाल या पीले रंग का रेशमी वस्त्र प्रिय है। देवी लक्ष्मी की पूजा में दीपक, कलश, कमल पुष्प, जावित्री, मोदक, श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार के फल, गुलाब, चन्दन इत्र, चावल, केसर की मिठाई, शिरा आदि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। दीप प्रज्वलित करने हेतु गाय घी, मूंगफली या तिल के तेल के प्रयोग से लक्ष्मी माँ को प्रसन्न किया जाता है।

दीपावली लक्ष्मी पूजन विधि:-

सर्वप्रथम माँ लक्ष्मी व गणेशजी की प्रतिमाओं को चौकी पर रखें। ध्यान रहें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर रहें और लक्ष्मीजी की प्रतिमा गणेशजी के दाहिनी ओर रहें।कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर उसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक होता है। एक दीपक को घी और दूसरें को तेल से भर कर और एक दीपक को चौकी के दाईं ओर और दूसरें को लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं के चरणों में रखें। लक्ष्मी-गणेश के प्रतिमाओं से सुसज्जित चौकी के समक्ष एक और चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। उस लाल वस्त्र पर चावल से नवग्रह बनाएं। साथ ही रोली से स्वास्तिक एवं ॐ का चिह्न भी बनाएं। पूजा करने हेतु उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। तत्पश्चात केवल प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा करें। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान भी अवश्य करें। लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करते रहें –

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:

प्रेम, सद्भावना और प्रकाश के पर्व दीवाली की शुभकामनाएं और हम कामना करते हैं कि आपका जीवन में खुशनुमा और प्रकाशमय रहें।

आर्थिक संकट निवारण हेतु ;-

दीवाली कि रात्रि को यहाँ दिए गए सिद्ध लक्ष्मी यंत्र की कम से कम ग्यारह माला तथा उसके बाद प्रतिदिन एक माला जपने से उस व्यक्ति को कभी भी कोई आर्थिक संकट नहीं होता है।

“ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:॥”
“ॐ श्रीं श्रियै नम: स्वाहा।”
व्यापार में लगातार उन्नति हेतु –

दीपावली के दिन हल्दी की 11 गांठों को पीले कपड़े लपेट कर नीचे दिए गए मंत्र की 11 माला का जाप कर उसे धन स्थान पर रखकर रोज़ धूप दिखाने से व्यापार में लगातार उन्नति होने लगती है।

“ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”

जिस घर में दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी सहस्त्रनाम एवं श्री सूक्त का पाठ होता है उस घर में माँ लक्ष्मी का अवश्य ही आगमन होता है। दीपावली की रात्रि में कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ भी अवश्य करे।

पुरे साल बनी रहेगी माँ लक्ष्मी की कृपा अगर दीपावली के दिन करेंगे ये अचूक उपाय दीपावली के अचूक मन्त्र :-

दीपावली कि रात्रि जागरण कि रात्रि होती है माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती है और जो भी भक्त रात में जागरण करके सच्चे मन से माता कि आराधना करते है। उनका जीवन खुशियों से भर कर अपने भक्तो के यहाँ स्थाई रूप से निवास करने लगती है। इस महानिशा कि रात्रि में कोई भी पूजा, जाप, प्रयोग अति शीघ्र फलदायी होता है।वस्तुत: यह रात्रि हमारे सपनो को पूर्ण करने वाली, जीवन में सुख समृद्धि भरने वाली, सभी संकटों से रक्षा करने वाली हर प्रकार से रिद्धि-सिद्धि प्रदान करने वाली है। अत: जो भी भक्त अपने जीवन में सुखद, स्थाई परिवर्तन लाना चाहते है उन्हें इस रात को जागकर इसका पूर्ण लाभ अवश्य ही उठाए। यहाँ पर कुछ बहुत ही आसान मंत्रो के प्रयोग बताया जा रहा है जिसके जाप करने से जातक को उसके अभीष्ट लाभ कि निश्चय ही प्राप्ति होगी।

दीवाली एक पवित्र त्योहार है। इस दिन का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही इसका तांत्रिक महत्व भी है। दिवाली पर किए गए कुछ टोटके आपकी किस्मत बदल सकतें है। साथ ही साथ आपको कभी भी धन की कमी नहीं होगी। इन उपायों को आप दिवाली की रात तो कर सकतें है। ध्यान रहे इन उपायों को विशवास के साथ करें। इससे आपको जल्दी फायदा होगा।

चौराहे पर दीया

आप अपने घर के आस-पास के चौराहे पर दीवाली की रात में दीया जलाएं। इस अचूक टोटके से मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। और तरक्की के रास्ते आपके लिए खुल जाहेंगे।

मंदिर में दीप दान

लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप दीवाली की रात में एक दीया किसी भी मंदिर में जाकर जलाएं। इस टोटके से धन की कमी पूरी होती है।

घर के दरवाजे पर दीया

दीवाली की रात में घर के मेन गेट यानि मुख्य दरवाजे के दोनो तरफ पर दीया जलाएं। इस उपाय से देवी लक्ष्मी आपके उपर कृपा करती हैं।

अखंड दीपक का महत्व

घर के मंदिर में दीवाली के दिन आप रात के समय में एक अखंड़ दीया जलाएं। जो सुबह तक जलता रहे। इस टोटके से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होगी।

बेल का पेड़

दीवाली की रात में बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए इस उपाय से भगवान शिव की कृपा आपके पूरे परिवार पर होती है। और आपके जीवन में पैसों की कमी दूर हो जाती है।

पीपल का पेड़

आप दीवाली के रात में मंदिर में किसी पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीया जलाने के बाद आप बाद में पीछे मुड़कर का ना देखें सीधा अपने घर आएं। एैसा करने से आपके ऊपर लक्ष्मी जी की कृपा होने लगेगी।

 तुलसी के पौधे का महत्व

यदि आप दीवाली की रात में तुलसी जी के पौधे के नीचे दीया जलाते हैं तो आपके ऊपर भगवान विष्णु और तुलसी जी की कृपा बनी रहेंगी है और कभी भी धन की कमी नहीं होगी।

दीपावली पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग उपाय – हिन्दुओं के सभी पर्वों में दीपावली का सबसे अधिक महत्तव है। इस पर्व पर धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने की लिए उनका पूजन किया जाता है। यदि इस दिन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन कर लिया जाए तो अगली दीपावली तक लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती है। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो दीपावली के दिन करने पर बहुत जल्दी लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है। यहां लक्ष्मी कृपा पाने के लिए अलग-अलग उपाय बताए जा रहे हैं और ये उपाय सभी राशि के लोगों द्वारा किए जा सकते हैं। यदि आप चाहे तो इन उपायों में से कई उपाय भी कर सकते हैं या सिर्फ कोई एक उपाय भी कर सकते हैं।

१: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ भी रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।

२: दीपावली के दिन यदि संभव हो सके तो किसी किन्नर से उसकी खुशी से एक रुपया लें और इस सिक्के को अपने पर्स में रखें। बरकत बनी रहेगी।

३: दीपावली के दिन घर से निकलते ही यदि कोई सुहागन स्त्री लाल रंग की पारंपरिक ड्रेस में दिख जाए तो समझ लें आप पर महालक्ष्मी की कृपा होने वाली है। यह एक शुभ शकुन है। ऐसा होने पर किसी जरूरतमंद सुहागन स्त्री को सुहाग की सामग्री दान करें।

४; दीपावली की रात में लक्ष्मी और कुबेर देव का पूजन करें और यहां दिए एक मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।

मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा।

५: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। मां लक्ष्मी घर में आती हैं।

६: महालक्ष्मी के पूजन में गोमती चक्र भी रखना चाहिए। गोमती चक्र भी घर में धन संबंधी लाभ दिलाता है।

७; दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। किसी मंदिर हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं।

८: रात को सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें।

९: दीपावली के दिन अशोक के पेड़ के पत्तों से वंदनद्वार बनाएं और इसे मुख्य दरवाजे पर लगाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी।

१०: किसी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। ध्यान रहें सभी चावल पूर्ण होने चाहिए। खंडित चावल शिवलिंग पर चढ़ाना नहीं चाहिए।

११: अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए। ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, पीछे पलटकर न देखें।

१२: यदि संभव हो सके तो दीपावली की देर रात तक घर का मुख्य दरवाजा खुला रखें। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात में महालक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के घर जाती हैं।

१३: महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां भी रखनी चाहिए। ये कौडिय़ा पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।

१४: दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा करते समय एक थोड़ा बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सके। सभी 9 बत्तियां जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें।

१५: दीपावली की रात में लक्ष्मी पूजन के साथ ही अपनी दुकान, कम्प्यूटर आदि ऐसी चीजों की भी पूजा करें, जो आपकी कमाई का साधन हैं।

१६: लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें।

१७: दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें। जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए।

१८: इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।

१९: प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

२०: दीपावली से प्रतिदिन सुबह घर से निकलने से पहले केसर का तिलक लगाएं। ऐसा हर रोज करें, महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

२१: यदि संभव हो सके तो दीपावली पर किसी गरीब व्यक्ति को काले कंबल का दान करें। ऐसा करने पर शनि और राहु-केतु के दोष शांत होंगे और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।

२२: महालक्ष्मी के पूजन में दक्षिणावर्ती शंख भी रखना चाहिए। यह शंख महालक्ष्मी को अतिप्रिय है। इसकी पूजा करने पर घर में सुख-शांति का वास होता है।

२३: महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।

२४: दीपावली के पांचों दिनों में घर में शांति बनाए रखें। किसी भी प्रकार का क्लेश, वाद-विवाद न करें। जिस घर में शांति रहती है वहां देवी लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं।

२५: दीपावली पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद अच्छे वस्त्र धारण करें और सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के साथ ही लाल पुष्प भी सूर्य को चढ़ाएं। किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज का दान करें। अनाज के साथ ही वस्त्र का दान करना भी श्रेष्ठ रहता है।

२६: दीपावाली पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

२७: महालक्ष्मी को तुलसी के पत्ते भी चढ़ाने चाहिए। लक्ष्मी पूजा में दीपक दाएं, अगरबत्ती बाएं, पुष्य सामने व नैवेद्य थाली में दक्षिण में रखना श्रेष्ठ रहता है।

२८: महालक्ष्मी के मंत्र: ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:,  इस मंत्र का जप करें। मंत्र जप के लिए कमल के गट्टे की माला का उपयोग करें। दीपावली पर कम से कम 108 बार इस मंत्र का जप करें।

२९: दीपावली से यह एक नियम रोज के लिए बना लें कि सुबह जब भी उठे तो उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों का दर्शन करना चाहिए।

३०: दीपावली पर श्रीयंत्र के सामने अगरबत्ती व दीपक लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें। फिर श्रीयंत्र का पूजन करें और कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्र: ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का जप करें।

३१: किसी में मंदिर झाड़ू का दान करें। यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।

३२: घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। द्वार के दोनों ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ लिखें।

३३: लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।

३४: दीपावली के दिन श्वेतार्क गणेश की प्रतिमा घर में लाएंगे तो हमेशा बरकत बनी रहेगी। परिवार के सदस्यों को पैसों की कमी नहीं आएगी।

३५: यदि संभव हो सके तो इस दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार इस पुण्य कर्म से बड़े-बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।

३६: घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।

३७: स्फटिक से बना श्रीयंत्र दीपावली के दिन बाजार से खरीदकर लाएं। श्रीयंत्र को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखें। कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।

३८: दीपावली पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।

३९: जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाना चाहिए। इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है। महालक्ष्मी का ऐसा फोटो रखें, जिसमें लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं।

४०: उपाय के अनुसार दीपावली के दिन 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, 3 पीली कौडिय़ां और 3 हल्दी गांठों को एक पीले कपड़ें में बांधें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी में रखें। धन लाभ के योग बनने लगेंगे।

४१: यदि धन संबंधियों परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो किसी भी श्रेष्ठ मुहूर्त में हनुमानजी का यह उपाय करें।

४२: उपाय के अनुसार किसी पीपल के वृक्ष एक पत्ता तोड़ें। उस पत्ते पर कुमकुम या चंदन से श्रीराम का लिखें। इसके बाद पत्ते पर मिठाई रखें और यह हनुमानजी को अर्पित करें। इस उपाय से भी धन लाभ होता है।

४३: एक बात का विशेष ध्यान रखें कि माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए। साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें। इससे घर का वातावरण पवित्र और बरकत देने वाला बना रहेगा।

४४: सप्ताह में एक बार किसी जरूरतमंद सुहागिन स्त्री को सुहाग का सामना दान करें। इस उपाय से देवी लक्ष्मी तुरंत ही प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी परेशानियों को दूर करती हैं। ध्यान रखें यह उपाय नियमित रूप से हर सप्ताह करना चाहिए।

४५: यदि कोई व्यक्ति दीपावली के दिन किसी पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा सा शिवलिंग स्थापित करता है तो उसकी जीवन में कभी भी कोई परेशानियां नहीं आएंगी। यदि कोई भयंकर परेशानियां चल रही होंगी वे भी दूर हो जाएंगी। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नियमित पूजा भी करनी चाहिए। इस उपाय से गरीब व्यक्ति भी धीरे-धीरे मालामाल हो जाता है।

४६: पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर श्रीराम का नाम लिखें। राम नाम लिखने के लिए चंदन का उपयोग किया जा सकता है। यह काम पीपल के नीचे बैठकर करेंगे तो जल्दी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। राम नाम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।

४७: कलयुग में हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कई प्रकार उपाय बताए गए हैं। यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।

४८: शनि दोषों से मुक्ति के लिए तो पीपल के वृक्ष के उपाय रामबाण हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी लगाना चाहिए।

४९: दीपावली से एक नियम हर रोज के लिए बना लें। आपके घर में जब भी खाना बने तो उसमें से सबसे पहली रोटी गाय को खिलाएं।

५०: शास्त्रों के अनुसार एक पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार को कोई दुख नहीं सताता है। उस इंसान को कभी भी पैसों की कमी नहीं रहती है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बड़ा होगा आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी, धन बढ़ता जाएगा। पीपल के बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए तभी आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होंगे।

५१: दीपावली पर लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है। इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती हैं।-पूजा में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और श्रीयंत्र रखना चाहिए। यदि स्फटिक का श्रीयंत्र हो तो सर्वश्रेष्ठ रहता है। एकाक्षी नारियल, दक्षिणावर्त शंख, हत्थाजोड़ी की भी पूजा करनी चाहिए।

आर्थिक संकट निवारण हेतु :-

दीवाली कि रात्रि को यहाँ दिए गए सिद्ध लक्ष्मी यंत्र की कम से कम ग्यारह माला तथा उसके बाद प्रतिदिन एक माला जपने से उस व्यक्ति को कभी भी कोई आर्थिक संकट नहीं होता है।
“ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:॥”
“ॐ श्रीं श्रियै नम: स्वाहा।”
व्यापार में लगातार उन्नति हेतु –
दीपावली के दिन हल्दी की 11 गांठों को पीले कपड़े लपेट कर नीचे दिए गए मंत्र की 11 माला का जाप कर उसे धन स्थान पर रखकर रोज़ धूप दिखाने से व्यापार में लगातार उन्नति होने लगती है।
“ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”
जिस घर में दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी सहस्त्रनाम एवं श्री सूक्त का पाठ होता है उस घर में माँ लक्ष्मी का अवश्य ही आगमन होता है।दीपावली की रात्रि में कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ भी अवश्य करे।

ज्योतिष सेवा केंद्र, मुंबई
पं. अतुल शास्त्री
09594318403/9892819501

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