क्या किसी को मरने के बाद भी जिन्दा रखा जा सकता है। सुनने में यह अजीब सा लगता है किन्तु यह सच भी है कि एक महिला अपने कार्यों की बदौलत अपनी मृत बहन को लोगों के जेहन में जिन्दा रखे हुये है। अपनी बहन की याद में उसने एक स्पेशल चाइल्ड स्कूल खोला है और इस स्कूल को खोलने के लिये उसने अपना घर ओर अपनी दुकान बेच दी।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में प्रकृतिक सुन्दरता को समेटे हुये एक ऐसी जगह है जिसे लोग मुरबाड के नाम से जानते हैं। इसी मुरबाड के एक छोटे से गांव माल गांव में प्रतिभा इरकशेट्टी नामक महिला ने अपनी बहन की याद में एक स्पेशल चाइल्ड स्कूल खोला है, जिसमें 42 बच्चों को पढ़ाती है।
बात यह थी कि प्रतिभा की बहन जयश्री को जन्म से ही कुछ भी एहसास नहीं होता था। डॉक्टरों को दिखाने के बाद पता चला कि जयश्री विशेष बच्ची है। जन्म के 3 साल बाद ही जयश्री की मौत हो गई। इस बात का प्रतिभा को गहरा सदमा लगा। प्रतिभा ने तभी संकल्प लिया कि वह अपनी बहन को मरने के बाद भी जिन्दा रखेगी। माल गांव में चलने वाले इस स्कूल की स्थापना उसने 2007 में टोकावड़े गांव की एक चाल में किया था और इसका नाम ‘अवनि’ रखा। प्रतिभा के इस ‘अवनि’ नामक इस स्कूल का नाम ‘अ—यानि ‘आवास’ व—यानि वस्त्र और ‘नि— यानि निवास’। इस स्पेशल स्कूल में 42 बच्चे पढ़ते हैं।
2007 में अवनि की स्थापना टोकावड़े गांव में एक चाल में हुई, जिसे चार साल बाद गांव के लोगों ने चाल खाली कराकर 42 बच्चों को बेघर कर दिया। तब प्रतिभा ने बदलापुर का अपना घर बेचकर मुरबाड में स्कूल बनवाना शुरू किया, फिर उसे अपनी बदलापुर की दुकान भी बेचनी पड़ी तब जाकर 2012 में स्कूल बन पाया। प्रतिभा बच्चों को पढ़ाने के साथ सामान्य लोगों के साथ कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा भी देती है और उन्हें हुनरमंद भी बनाती है।