कल्याण:पूर्व के चिंचपाङा रिक्शा स्टैंड के सामने से निकले 100 फुट के रोड के बगल 28 अक्टूबर रविवार के दिन नौ दिनो से चल रहे रामलीला पाठ के मंच पर समुद्र देव के उपर जब श्री राम ने अपना क्रोध दिखाए तभी ऐसा दृश्य देख हजारो दर्शक अवाक रह गये।
बता दें कि इससे पहले लंका जाने हेतु तीन दिनो से काफी अनुनय-विनय कर श्री राम ने समुद्रदेव से सागर पार कर लंका के तरफ जाने हेतु सुगम मार्ग का प्रयास तलाश रहे थे।
अंततः नल नील एवं अन्य कपि सैनिको के परिश्रम से रामादल के सभी सैनिक समुद्र के उपर पुल बनाकर लंका की तरफ पहुँचे।
इस बीच इनलोगो ने शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की अराधना भी की थी।
ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय
ओम गंगाधराय ओम गंगाधराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ओम रामेश्वराय ओम रामेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
के जाप एवं हर हर महादेव के नारो से रामादल का पूरा खेमा गूँज उठा। बतातें चलें कि इसके बाद अंगद का रावण के दरबार में रावण से भीषण संवाद हुआ जिसपर दर्शको ने तालियों की झरी लगा दी थी परंतु इसके बाद के प्रसंग में मेघनाथ द्वारा मायावी शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को शक्तिवाण द्वारा मूर्छित कर देने पर भी श्री राम हनुमान एवं सभी कपि सेना सहित तमाम उपस्थित दर्शक रो पङे थे।
परंतु लंका के ही वैद्यराज सुषेन के आग्रहनुसार सजीवन बुटी लाने हेतु हनुमान जी का द्रोणाचल पर्वत पर कूच करते ही लक्षमण की चेतना पुनः वापस आ जाने की आस सभी दर्शको के बीच जगी है जिन सभी नौवें दिन के मंचन दृश्यो का समापन रात 10 बजे हुआ।