भदोही। आधुनिकता की दौड में आज लोग अपनो के लिए समय नही निकाल पाते है। समाज व देश के लिए समय निकालना तो बडी बात है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग है जो समाज व देश के लिए नही अपितु पुरे विश्व समुदाय के कल्याण के लिए अपने मिशन पर लगे है। और इस मिशन को जीवन पर्यन्त जारी रखने का जज्बा भी अपने दिमाग में रखे है। इसी तरह के एक बानगी भदोही जिले में एक शख्स में देखने को मिल रही है। जो 14 जुलाई 2016 से प्रतिदिन एक से पांच पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे है। यह ‘ट्री मैन’ भदोही जिले के ज्ञानपुर में बतौर तहसीलदार तैनात है जिनका नाम देवेन्द्र कुमार है।
देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पर्यावरण के संरक्षण में हम सभी का सहयोग होना बेहद जरूरी है। पर्यावरण को स्वस्छ व बेहतर बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों का संरक्षण बेहद जरूरी है। जिसे पेड पौधो का वृक्षारोपण करके, तालाब खोदकर, जीव जन्तुओं को बचाकर किया जा सकता है। कहा कि अन्तरिक्ष से जो पृथ्वी नीला दिखती है। इसे पेड पौधों से इतना आच्छादित कर दिया जाए कि यह हरी दिखने लगे। जिससे पृथ्वी पर आक्सीजन की मात्रा में वृद्धि हो और सभी जीव जन्तुओं के जीवन स्तर में सुधार हो। और आगे आने वाली पीढी को जहरीली वायुमंडल के जगह स्वच्छ व स्वस्थ्य वायुमंडल दें। यही आगामी आने वाली पीढी के लिए जीवन बीमा है। वर्तमान औद्यौगिकरण पर चिन्ता जताते हुए कहा कि विकास ठीक है लेकिन उसी अनुपात में वृक्षारोपण और उनका संरक्षण जरूरी है। क्योकि पेडों की कटाई से तापमान में वृद्धि, जीव जन्तुओं का विलुप्त होना, आक्सीजन की कमी और पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति बन रही है।
देवेन्द्र कुमार ने अपने ‘ग्रीन मिशन’ के बारे में बताया कि लोग अपने जन्मदिन पर तरह-तरह के अच्छे काम करते है तो मै भी 14 जुलाई 2016 को प्रण लिया कि अब प्रतिदिन विश्व कल्याणार्थ वृक्षारोपण करूगा। देवेन्द्र कुमार हाथरस, आगरा, प्रयागराज के विभिन्न तहसीलों में अपनी सेवा दे चुके है और सभी जगहो पर वृहद् वृक्षारोपण किये है। और लगाये गये वृक्षों की जानकारी समय-समय पर जाकर या पूछकर ले लेते है। ज्ञानपुर तहसील में 27 फरवरी से तैनात है। लगभग तीन महिने में तीन सौ पौधो का वृक्षारोपण कर चुके है ज्ञानपुर के वर्तमान तहसीलदार।
देवेन्द्र कुमार ने बताया कि यह मिशन मेरे जीवन के अन्तिम समय तक चलेगा। कहा कि जब अच्छा काम करते है तो लोगों का साथ व सहयोग जरूर मिलता है। क्योकि वृक्षारोपण मेरे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। जब तक वृक्षारोपण नही करता तो लगता है कि कुछ बडा काम बाकी है। वृक्षारोपण करने के बाद बहुत ही आन्तरिक खुशी मिलती है। लोगों से अपील की कि आगे आने वाली पीढी को ध्यान में रखकर अधिक से अधिक संख्या में पेड लगाये और पर्यावरण व वायुमंडल को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें।