कल्याण : पूर्व में गुणगोपाल मंदिर परिसर के पास के प्रांगण में 23 दिसंम्बर से चल रहे हर रोज शाम के 4 बजे से रात के 8 बजे तक के चल रहे श्री रामकथा बरसात का समापण रावध वध के प्रसंग के साथ हुआ। हलांकि उत्तरकांड के भी प्रसंगो पर तनिक चर्चा करनी बाकी रही जिसमें तनिक समय का फेर बदल कर 31 दिसंम्बर को सुबह 9 बजे से दिन के 12 बजे तक सर्वसम्मति बनाई गयी क्योकिं गुरूदेव को एक कार्यक्रम हेतु दोपहर को दिल्ली के लिए भी रवानगी जरूरी आ पङा।
बता दें कि रविवार के छुट्टी होने के दिन के वजह से मंच के सामने श्रोताजनो की अपार भीङ जुटी थी जिसमें भक्तजनो के अलावा काफी संख्या में नेतागणो सहित कविगणो एवं पत्रकारगणो की भी उपस्थिति हुई थी जो सभी अरण्यकांड सहित किष्किनधा कांड एवं सुंदरकांड के प्रसंगो का कथा रसपान किए।
बतातें चलें कि सीताहरण एवं जटायूवध के प्रसंगो को सुन एक तरफ उमङे जनसैलाबो की आंखें गमगीन हो गयी वही दूसरी तरफ शबरी की भक्ती पाठ सुन सभी कथा रस चाशनी में गोते लगाने लगे। भगवान राम को जूठे बेर खिलाकर शबरी कुवांरे में ही मातृत्व सुख की एहसास कर रही थी।
जनम भर रही वो कुँआरी
बनी आज राघव महतारी
निष्काम सेवा से तुष्ट गुरु कीन्हे
होईके प्रसन्न तेहि गुरू वर
दीन्हे
अइहें तब भवन में खरारी
बनी आज राघव महतारी
शबरी रही जनम भर कुँआरी
बनी आज राघव महतारी…
इस धुन के चाशनी में गोते लगा रहे श्रोताओ को हनुमान से मुलाकात तथा सुग्रीव से मित्रता आदि के सहयोग से हनुमान द्वारा लंकादहन पश्चात राम रावण संग्राम में रावण वध के क्रम में तालियों की गङगङाहटे भी सुनने को मिली। तत्पश्चात मंच पर शिवसेना के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे, खासदार श्रीकांत शिंदे, बी जे पी के गणपत्त गायकवाड आदि अनेको नेतागणो के साथ साथ अनेको पत्रकारगणो ने भी परम पूज्य पाद स्वामी रामभद्राचार्य जी से आशिर्वाद लिए।