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किसान हत्या काण्ड में दो आरोपित गिरफ्तार। हत्या में शामिल था मृतक का छोटा भाई

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घटना से दो सप्ताह पहले भी की गयी थी हत्या करने की कोशिश

जौनपुर। खेतासराय थाना क्षेत्र के पोरईकला गांव में तीन माह पहले किसान की हत्या कर शव जलाने की घटना को पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया। पुलिस घटना के पीछे आशनाई का मामला बता रही है। घटना से दो सप्ताह पहले भी किसान को मारने की कोशिश की गयी थी। किसान की हत्या में शामिल उसके छोटे भाई समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने चालान न्यायालय भे दिया। पोरईकला गांव निवासी रामवृक्ष चौरसिया की 31 मई की रात ट्यूबवेल पर सोते समय हत्या कर दी गयी थी। अगले दिन सुबह घटना स्थल से पांच सौ मीटर दूर, दूसरे के ट्यूबवेल की पानी टंकी में रामवृक्ष का अधजला शव मिला था। इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करने में साढ़े तीन महीने लग गये।

क्षेत्राधिकारी अजय श्रीवास्तव ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि खेतासराय पुलिस घटना के दिन से ही जांच कर रही थी। रामवृक्ष चौरसिया की हत्या के पीछे आशनाई का मामला आने पर हत्या में शामिल मृतक के भाई रामचेत चौरसिया और पोरईखुर्द निवासी जैतू राजभर पुत्र सोहन राजभर को गिरफ्तारी की भनक लगी तो दोनों भागने के फिराक में खेतासराय रेलवे स्टेशन पहुंच गये। मुखबिर की सूचना पर थानाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह थाने के उपनिरीक्षक सुरेश कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल वीरेन्द्र कुमार यादव, प्रेमचंद, रामविलास यादव, कास्टेबल वीरेंद्र कुमार यादव, महिला कांस्टेबल कुमारी शव्या के साथ सुबह दस बजे स्टेशन पर पहुंच गये। जहां से हत्यारोपित मृतक के भाई रामचेत चौरसिया और जैतू राजभर को गिरफ्तार कर लिया। घटना में शामिल अन्य दो आरोपितों की तलाश जारी है।

थानाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने रामवृक्ष की हत्या के पीछे की कहानी सिलसिले वार बताते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपित जैतू राजभर झाड़फूंक करता है। इसी के बहाने उसका रामवृक्ष के घर आना जाना लगा था। जैतू का मृतक की भतीजी से अवैध संबंध था। भतीजी को ट्यूबवेल पर रात का भोजन पहुंचाने के दौरान जैतू भी पहुंच जाता था। दोनों की हरकते देख रामवृक्ष प्रायः विरोध करता था। बेटी पर झूठा आरोप लगाने को लेकर दोनों भाइयों में विवाद होता रहता था। दोनों के प्रेम में बाधक बने रामवृक्ष को रास्ते से हटाने के लिए जैतू ने उसकी हत्या करने की रणनीति बनाई। उसमें उसके भाई रामचेत को शामिल किया। और 31 मई की रात दोनों ने दो अन्य आरोपितों के साथ मिलकर रामवृक्ष की हत्या कर दी।

पहचान मिटाने के लिए शव को एक ट्यूबवेल की पानी टंकी में रखने के बाद उसपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दिया। पुलिस के अनुसार घटना से पंद्रह दिन पहले भी खाने में जहर डालकर रामवृक्ष को मारने की कोशिश की गयी थी। लेकिन खाने से पहले ट्यूबवेल पर एक कुत्ते को उसने पहले थोड़ा भोजन खिला दिया था। जिसमें कुत्ते की तत्काल मौत हो जाने से उसने खाना नहीं खाया। और उस दिन बच गया था।

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