राजनीति और सत्ता की पकड़ भले ही राजनेताओं को कुछ दिन उनके गलत कार्यों से बचा ले किन्तु जब न्यायालय का डंडा चलता है तो कोई भी विधायक हो या सांसद कानून की नजर से बच नहीं सकता। ऐसा ही हुआ दो भाजपा विधायकों के साथ जब न्यायालय ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार उल्हासनगर न्यायालय ने मुरबाड के भाजपा विधायक किसन कथोरे पर नकली कागजातों के आधार पर किसानों की संस्था बनाकर धोखाधड़ी करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं ऐसे ही एक मामले में यूपी के भदोही भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार अंबरनाथ तालुका में ‘सागाव परिसर विविध कार्यकारी सेवा संस्था’ महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कराई गई। इस संस्था में शिवसेना के प्रभु पाटील का भी नाम आया, इसके बाद उन्होंने सूचना के अधिकार के अंतर्गत संस्था के बारे में जानकारी हासिल की। पता चला कि इस संस्था में उनके नाम के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों के नाम का भी गलत इस्तेमाल किया गया है। इसमें कुछ ऐसे व्यक्तियों के भी नाम हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। आरटीआई से जानकारी मिली कि संस्था के मुख्य विधायक किसन कथोरे हैं।
गलत कागजातों के आधार पर बनी संस्था के खिलाफ प्रभु पाटील ने कुलगांव बदलापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करानी चाही तो नहीं सुनी गयी। तदुपरान्त वे कोर्ट गये तो प्रथम सुनवाई उल्हासनगर न्यायालय में की गई। न्यायालय ने विधायक कथोरे समेत अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मामले की छानबीन करने का आदेश पुलिस को दिया है।
वहीं सुरियावां के चौगुना निवासी कृष्णानंद तिवारी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से गुहार लगाई थी कि जिस ज़मीन को विधायक ने फर्जी अनुबंध के आधार पर कन्या विद्यालय के लिए सरकार को 2008 में रजिस्ट्री किया है। वह ज़मीन विधायक के नाम नहीँ है। वह ज़मीन आराजी संख्या – 126 में रकबा 1.7910 हेक्टेयर के रुप में सहखातेदारों के नाम दर्ज है। भाजपा विधायक रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके हिस्से की ज़मीन भी कन्या विद्यालय के लिए सरकार को रजिस्ट्री कर 20 लाख रुपए का गलत तरीके से अनुदान हासिल किया। कोर्ट ने विधायक भदोही सहित छ: के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।