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अयोध्या! उद्धव ठाकरे का बयान: मैं यहां प्रभु राम के दर्शन करने आया हूं

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बाला साहब जी कहते थे हिंदुत्व हमारी सांसे। हमारी सांसों में हिंदुत्व

उद्धव ठाकरे का बयान। मैं यहां प्रभु राम के दर्शन करने आया हूं। बाला साहब जी कहते थे हिंदुत्व हमारी सांसे। हमारी सांसों में हिंदुत्व। मैं आ रहा था। कुछ लोगों को आपत्ति हुई। उन्होंने कहा कि आप अयोध्या क्यूँ जा रहे हैं चुनाव हो रहा है इसलिए जा रहे हैं। यहां मैं राजनीति करने नहीं आया हूं।एक विरासत एक विचारधारा उसे यहां लेकर आया हूं और आज का दिन मेरे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।

माना जाता है कि जिसे एक संत का आशीर्वाद मिलता है वो भाग्यशाली होता है। मुझे मेरा भाग्य कितना है हजारों की संख्या में संतों ने मुझे आशीर्वाद दिया है। यहां आने का उद्देश्य मेरा शुद्ध है। मैं कोई लड़ाई करने नहीं आया हूं। हम सब का कर्तव्य हर देशवासी इस देश का हर हिंदू यह चाहता है कि अयोध्या में राम का मंदिर होना ही चाहिए।आज तो मैं सिर्फ सोए हुए कुंभकरण को जगाने आया हूं।कुंभकरण रामायण में ही नहीं थे आज भी हैं। वह 6 महीने सोते थे माने जाते थे आज के कई तुम पिछले 4 सालों से सोए हुए हैं।उनको मैं जगाने आया हूं।यादों को निभाना। यह भी हमारा हिंदुत्व है। जो वादा करते हैं जो वचन देते हैं वह हमारा हिंदुत्व है। उसे निभाना चाहिए और चलो सब लोग मिलकर मंदिर बनाते हैं।

मंदिर बनने के बाद वचन देता हूं। रामलला के दर्शन करने आऊंगा। अब हम इंतजार नहीं कर सकते। बहुत साल दिन और महीने गुजर गए। मंदिर वहीं बनाएंगे मंदिर बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे हमें आज मंदिर बनाने की तारीख चाहिए।पहले मंदिर कब बनाओगे वह बताओ बाकी बात बाद में होगी।आज हमें तारीख चाहिए। चलो उस वक्त अटल जी की मिलीजुली सरकार थी न ही उस वक्त मंदिर का मुद्दा उठाना शायद कठिन हो सकता था लेकिन आज की सरकार ताकतवर सरकार है।

उत्तर प्रदेश की सरकार हमारे मित्र के हाथ में। केंद्र की सरकार भी है। चलो जो कुछ करना है करो। आदेश लाना चाहते हो तो कानून बनाओ। मेरे साथ जितने सांसद हुए हैं मैं आज कह देता हूं राम मंदिर के लिए श्री राम मंदिर के लिए कानून लाना चाहते हो तो पार्टी शुरू से उसका समर्थन करेगी और जरूर करेगी और यह मामला श्रद्धा का मामला है और अदालत के तौली माफी नहीं जा सकती।मैं यहां सिर्फ उनको भूले हुए वादों को याद दिलाना है।इस देश और विश्व का जितना भी हिंदू है आपके साथ खड़ा होगा।कंधे से कंधा मिलाकर मंदिर बनाने के लिए।

अगर मंदिर बनाने के लिए हिम्मत लगती है कहा जाता है कि सीने में दम होना चाहिए कितना बड़ा सीना।उसका मतलब नहीं होता। सीने में दिल और हृदय होना चाहिए और वह इधर भी मर्द का होना चाहिए सारे मर्द इंतजार कर रहे हैं मैं तो यही आज सिर्फ यही कहूंगा कि पूरे देश में भाई पुरानी बात याद आ गई। अटल जी ने कहा था अब हिंदू चुप नहीं बैठेगा हर कदम आप से सवाल पूछेगा और मेरे साथ भी आप जवाब दीजिए हर हिंदू की यही पुकार। पहले मंदिर फिर सरकार।

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