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सिंधु साहित्य धारा व जीवन सौरभ के तत्वावधान में कवियों की सजी महफ़िल

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साहित्यक काव्य सम्मेलन कार्यक्रम

मुंबई : सिंधु साहित्य धारा व जीवन सौरभ के तत्वावधान में मलाड में 15 दिसंबर को ‘सिन्धुसाहित्य धारा’ के अध्यक्ष आदरणीय मूलचंद निहलानी व ‘जीवन सौरभ’ के अध्यक्ष श्री अरविंद भाई पटेल की सरपरस्ती में ‘रौनक़-ए-बज़्म’ ने सीनियर सिटीजन के लिए एक और सफल साहित्यक काव्य सम्मेलन ‘आपकी महफ़िल’ का आयोजन श्री मूलचंद निहलानी, अंशू जैन ‘झल्लारी’, ज़ाकिर हुसैन ‘रहबर’ अल्का जैन ‘शरर’ द्वारा किया गया। जिसमें स्थापित और नवोदित कवि व कवयित्रियों को आमंत्रित किया गया।

हमार पूर्वांचल

कार्यक्रम का संचालन श्री मूलचंद निहलानी और अल्का जैन ‘शरर’ द्वारा किया गया, उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बने श्री हस्तीमल हस्ती व अध्यक्ष रहे श्री लक्ष्मण दूबे। इस कार्यक्रम में नवोदित कवियत्री पूनम खत्री का जन्मदिन भी संस्था द्वारा मनाया गया।

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कवियत्री पूनम खत्री का जन्मदिन भी मनाया गया

इस कार्यक्रम में चार चाँद लगाने वाले साहित्यकार थे श्री लक्ष्मण दुबे, श्री हस्ती मल हस्ती, श्री हौशला अन्वेषी, श्री गुलशन मदान, श्री किशन अग्रवाल, श्री जवाहर लाल निर्झर, सुश्री कुसुम तिवारी ‘झल्ली’, सुश्री हेमा चंदानी, सुश्री आरती सैया, श्री अजय बनारसी, श्री राजीव मिश्रा, श्री कल्पेश यादव, सुश्री वर्षा सिंह, सुश्री सुमन उपाध्याय, श्री मंगेश सिंह, श्री विनय मुद्रा।
हर कार्यक्रम जैसे लोगों के देर से आने के कारण यह कार्यक्रम भी देर से आरंभ हुआ, हॉल की समय सीमा के कारण इसके आयोजक ही काव्यपाठ नहीं कर पाए, तब वहाँ के सीनियर सिटीजन और मंचाधीशों के विशेष आग्रह पर अध्यक्ष के व्यक्तव्य के पश्चात जनाब ज़ाकिर हुसैन ‘रहबर’, श्री अंशु जैन ‘झल्लारी’ और सुश्री अल्का जैन ‘शरर’ ने बहुत सीमित काव्य पाठ किया, जिनकी कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार रही-

श्रीमती अलका जैन “शरर”:-

बुग्ज़ आँखों में था पर रस्म निभाई तो सही।
उसने महफ़िल में मेरी बात चलाई तो सही।।
पास माचिस न ही शोले न मशालें थीं कोई,
तुमने लफ़्ज़ों से सही आग लगाई तो सही।

जनाब जाकिर हुसैन “रहबर”:-

आज सहरा एक आशिक के लहू से तर हुआ ।।ऊफ,लैला मजनूँ की कहानी फिर से दुहराई गयी ।।

श्री अंशु जैन “झल्लारी”-

कशमकश-ए-ज़िन्दगी है और क्या।
इसमें थोड़ी सी खुशी है और क्या ।।
कोशिशें नाक़ाम मेरी हो रही ।
रास्तों की बेरुख़ी है और क्या।।

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