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पूर्वांचल मानस मंडल के तत्वाधान में हिंदी साहित्य अधिवेशन व सम्मान समारोह संपन्न

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मुंबई। वसंत पंचमी के अवसर पर बुधवार दिनांक २९ जनवरी २०२० को पूर्वांचल मानस मंडल के तत्वाधान में शब्द साधक सम्मेलन “वसंतोत्सव २०२० का आयोजन मारवाडी पंचायत वाडी, मुंबई में किया गया, जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार डाँ. सुधाकर मिश्र को उनके साहित्य समर्पित जीवन के लिए “साहित्य साधना सम्मान २०२०” से सम्मानित किया गया। महानगर के वरिष्ठ साहित्यकार भुवनेंद्र सिंह बिस्ट को भी “साहित्य साधना सम्मान २०२०” से सम्मानित किया गया, साथ ही साथ महानगर में अनवरत साहित्य सेवा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले “काव्यकुंज साहित्यिक संस्था” को “साहित्य सेवा सम्मान २०२०” से सम्मानित किया गया।

साहित्य अधिवेशन का प्रारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती मंजुबेन लोढ़ा ( समाज सेविका व साहित्यकार) द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। राजेश “अल्हड़ असरदार” ने सरस्वती वंदना की। प्रथम सत्र का संचालन संजय द्विवेदी ने व अध्यक्षता उमेश शुक्ल “विदेह” जी ने किया, अतिथियों में रमेश श्रीवास्तव व आर. पी. सिंह “रघुवंशी” मंच पर उपस्थित रहें। विदेह जी ने महाप्राण निराला जी के जन्मदिन के उपलक्ष में उनके जिवनी पर प्रकाश डाला व उनके साथ के संसमरणों को साझा किया।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डाँ. सुधाकर मिश्र ने किया, संचालन उमेश मिश्रा ने किया। अतिथियों में वरिष्ठ साहित्यकार सागर त्रिपाठी, कमलेश पांडे “तरूण”व श्री सुरेश मिश्रा जी रहे। त्रितीय सत्र की अध्यक्षता श्री लक्ष्मण दुबे जी ने किया। जिसका संचालन सुरेश मिश्रा ने किया अतिथियों में श्री सागर त्रिपाठी, एस. के. शर्मा ( उप महाप्रबंधक राजभाषा प. रे.), अशोक कुमार लोंढ़े ( वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी प. रे.) व हौशिला प्रसाद “अन्वेषी” रहे।

प्रतिभागी साहित्यकारों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं में से श्रेष्ठ रचनाओं का चुनाव किया गया व उन्हें सम्मानित भी किया। चयनित श्रेष्ठ रचनाओं के रचनाकार रहे। अमित दुबे, निखिल पांडे, कल्पेश यादव, नताशा गोस्वामी, प्रभा मजुमदार, लालबहादुर यादव “कमल”, सुमन तिवारी, प्रज्ञा राय, संजय द्विवेदी, उमेश मिश्रा, अनिल कुमार “राही”, मृदुल तिवारी “महक” व अल्हड़ असरदार। इस अवसर पर पुस्तक प्रदर्शनी का भी आयोजन था, जिसमें मुख्य आकर्षण था दिल्ली से आए हुए सुधीर सिंह “सुधाकर” का स्टाँल। इस स्टाँल में मंज़िल ग्रुप साहित्यिक मंच से संबंधित अनेकों साहित्यकारों की पुस्तकें उपलब्ध थी। मुंबई के साहित्यकारों के लिए यह अनोखा प्रयोग था। वसंतोत्सव २०२० में मुंबई, दिल्ली व उत्तर प्रदेश से लगभग ५० नवोदित कवियों व दर्जन भर वरिष्ठ कवियों व अतिथियों ने भाग लिया व वसंत के रंग में अपने अपने भावों के विविध रंग भरते दिखे। शेर ओ शायरी से लेकर छंदबद्ध व छंद मुक्त विविध प्रकार के तथा विविध विषयों पर रचनाऐं प्रस्तुत किए गए। वरिष्ठों ने नवोदितों को उनकी छोटी-छोटी गलतियों से अवगत भी कराया।

आयोजन में मुंबई महानगर व उपनगरों की अन्य साहित्यिक संस्थानों महत्वपूर्ण सहयोग किया। काव्य सृजन साहित्यिक, सामाजिक व सांसकृतिक संस्था, उज्जवल भारत सेवा संस्था, भारतीय साहित्य सेवा परिषद, भारतीय जन भाषा प्रचार समिति, संगीत साहित्य मंच, हृदयांगन साहित्यिक संस्था, हस्ताक्षरम् साहित्यिक संस्था तथा सुधा साहित्यिक सामाजिक संस्था इन सभी ने आयोजन में महनिय भूमिका निभाई। पूर्वांचल मानस मंडल के मंत्री राजेश दुबे ने सभी संस्थानों के अध्यक्षों अतिथियों, प्रतिभागियों व सहभागीयों का आभार प्रदर्शित करते हुए भविष्य म भीे महानगर में इस प्रकार के आयोजन हेतु सभी का आव्हान किया।

पूर्वांचल मानस मंडल द्वारा आयोजित शब्द साधक सम्मेलन में आज मार्गदर्शक मंडल मे सहभागी एवं साक्षी बनने एवं काव्य पाठ करने का सौभाग्य और सुअवसर प्राप्त हुआ l उक्त कार्यक्रम में मुंबई के वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार सुधाकर मिश्र, सागर त्रिपाठी जी, बड़े भाई पं0 सुरेश मिश्र और अनेकों साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओ के पदाधिकारीगण यथा संगीत साहित्य मंच के संयोजक रामजीत गुप्ता, सह संयोजक नागेंद्र नाथ गुप्ता जोकि हृदयांगन संस्था के मार्गदर्शक भी है , उमेश मिश्रा महासचिव हृदयांगन एवं कवि मंच संचालक, भारतीय जन भाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष आर पी सिंह रघुवंशी, काव्य सृजन के शिव प्रकाश जौनपुरी, उज्जवल भारत सेवा संस्थान, हस्ताक्षरम साहित्य संस्था , सुधा साहित्यिक एवं सा0 संस्था , भारतीय साहित्य सेवा परिषद के एडवोकेट अनिल शर्मा, अनिल राही सुश्री प्रज्ञा आनंद राय , कमलेश तरूण , अरुण प्रकाश अनुरागी विद्या वाचस्पति आदि आदि के साथ जाने माने गीतकार तथा समाज सेवक तथा जनरल सेकेट्ररी सर्व हिन्दू समाज प्रतिष्ठान के श्री सदाशिव चतुर्वेदी जी और ई माध्यम से सभी मीडिया मे साहित्यिक समाचारों को प्रकाशित प्रचारित करने वाले सवैया छंद कवि विनय शर्मा “दीप” तथा मुंबई के विभिन्न नगरों से पधारे हुए कवि मित्रों ने अपना काव्य पाठ प्रस्तुत किया।

हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था के अध्यक्ष ने बसंत पंचमी पर ॠतुराज बसंत पर फूली सरसों के साथ प्रेम गीत “अब कभी नही आना तुम” तथा निरालाजी के साथ पृथ्वीराज चौहान तथा राजकवि चन्दवरदाई को याद किया तथा हृदयांगन संस्था की ओर से एक उत्तम कार्यक्रम के आयोजन के लिए पूर्वांचल मानस मंडल के महामंत्री राजेश दुबे अल्हड़ असरदार एवं उनके सहयोगियों को हार्दिक बधाई दी तथा उनके ओजस्वी गीत से प्रभावित हो चेक धनराशि से मंच पर सम्मानित किया।

सागर त्रिपाठी एवं गीतकार आलोक द्विवेदी गोरी बाबा लखनऊ की रचनाये कालजयी बन मंच को स्वनामधन्य कर गयी वही गीतकार सुधाकर मिश्रा सोने मे सुहागा बन सभी प्रतिभागियों का मनमोह लिया। संचालन संजय द्विवेदी जी, उमेश मिश्रा का जोरदार रहा उनके राधा कृष्ण के गीत सराहे गये वही पं सुरेश मिश्रा भी हास्य व्यंग्य के प्रतीकों के धनी संचालक सिद्धहस्त निकले। विदेह महाराज, लक्ष्मण दुबे और हौसला अन्वेषी जी तो मजे वरिष्ठ साहित्यकार है ही जिनका हर शब्द गजल है कविता है सरिता है। गीत कविता गजल छन्द दोहे चौपाई सवैया भोजपुरी ब्रजभाषा लगा कि काव्य मंच नही काव्य का यह गंगा सागर है पूर्वांचल मानस मंडल का यह शब्द साधक साहित्याधिवेशन सराहनीय रहा।

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