मुंबई। वैदिक दर्शन प्रतिष्ठान (रजि) के तत्वावधान में दिनांक 5 जनवरी 2020 शनिवार, आर्य समाज, लिकिंक रोड, सांताक्रूज़ (पश्चिम), मुंबई के सभागृह में परिसंवाद, काव्यसंध्या, पुस्तक विमोचन का समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम तीन सत्रों में विभक्त था, प्रथम सत्र में आर. के. पब्लिकेशन, मुम्बई से प्रकाशित पुस्तक “हिन्दी के श्रेष्ठ बाल नाटक” और नारायण प्रकाशन वाराणसी से प्रकाशित “तुम जलाना दीप बाती” का लोकार्पण संपन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता डाॅक्टर सुधाकर मिश्र (वरिष्ठ साहित्यकार) ने की।
मुख्य अतिथि के रूप में डाॅक्टर शीतला प्रसाद दुबे (कार्याध्यक्ष- महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी), विशिष्ट अतिथि रामनयन दुबे (प्राचार्य- लर्नर्स अकादमी, बांद्रा-पश्चिम मुंबई), प्रमुख वक्ता पवन तिवारी (युवा साहित्यकार,महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कृत), अन्य वक्ताओं में गंगाशरण पाण्डेय(समालोचक), शिवम् तिवारी प्रमुख रूप से विद्यमान थे।
प्रथम सत्र का संचालन आनंद सिंह (वरिष्ठ उद्घोषक, आकाशवाणी मुंबई) ने अपने सुमधुर अंदाज में किया। लेखकीय वक्तव्य में डाॅक्टर जितेन्द्र पाण्डेय, अस्लम मुलानी और डाॅक्टर पूजा हेमकुमार अलापुरिया ने पुस्तक की विशेषता पर प्रकाश डालकर अवगत कराया।
द्वितीय सत्र में परिसंवाद “समाज का आदि संविधानः मनुस्मृति” विषय पर व्याख्यान, वक्तव्य हुआ। जिसमें मनुस्मृति पर गहराइयों तक जाकर प्रकाश डाला गया। जिसकी अध्यक्षता स्वामी यज्ञदेव (हरिद्वार) ने की मनुस्मृति पर वक्तव्य देने वाले वक्ताओं में संदीप आर्य (मुंबई) और योगेश आर्यावर्ती(मुंबई) थे। संचालन पंडित नरेन्द्र शास्त्री ने किया।
तृतीय सत्र में काव्यसंध्या का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डाॅक्टर सुधाकर मिश्र ने की व मुख्य अतिथि के रूप में डाॅक्टर शीतला प्रसाद दुबे जी उपस्थित थे। काव्यगोष्ठी का संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री शिक्षिका श्रीमती सुमन मिश्रा ने किया। आमंत्रित कवियों में युवा साहित्यकार पवन तिवारी, वरिष्ठ कवि, छंदकार कमलेश पाण्डेय “तरूण”, छंद, सवैया के कवि विनय शर्मा “दीप”, कवि तेजस सुमा श्याम व वरिष्ठ साहित्यकार डाॅक्टर अभय कुमार शुक्ला ने अपनी-अपनी विधाओं में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, कवियों, साहित्यकारों का सम्मान वैदिक दर्शन प्रतिष्ठान के पदाधिकारियों द्वारा अंग वस्त्र, मोमेंटो व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया गया। अंत में डाॅक्टर जितेन्द्र पाण्डेय ने उपस्थित सभी अतिथियों, साहित्यकारों, पत्रकारों व श्रोताओं को अपना अमूल्य समय प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया और समारोह के समापन की घोषणा की।