भदोही। जिले के सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म वितरण में करीब डेढ़ करोड़ रुपये के गोलमाल का मामला सामने आया था। बाजार से रेडीमेड ड्रेस खरीद कर स्कूलों में वितरण करा दिया और सिलाई की रकम डकार गए। फर्मों और नोडल अफसरों की मिलीभगत से हुए इस खेल की जांच विशेष अनुसंधान शाखा कर रही है। डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर के अनुरोध पर SIB के ज्वाइंट कमिश्नर ने जांच की मंजूरी दे दी थी। इससे फर्मों के साथ नोडल अफसरों की गर्दन फंसनी तय हो रही है।
प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में प्रत्येक बच्चे को जुलाई में दो जोड़ी यूनिफॉर्म सरकार की ओर से दिए जाते हैं। सत्र 2017-18 में जिले के 1.48 लाख छात्र-छात्राओं के यूनिफार्म के लिए छह करोड़ रुपये शासन से आवंटित किए गए थे। इसके बाद फर्मों के माध्यम से यूनिफॉर्म का वितरण कराया गया था। मानक के अनुसार पंजीकृत संस्थाओं को यूनिफॉर्म की सिलाई कराने के बाद वितरण करना था, लेकिन एक भी संस्था ने सिलाई नहीं कराई। सभी ने दुकानों से रेडीमेड ड्रेस खरीदकर स्कूलों को आपूर्ति कर दी। अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस मामले की शिकायत की थी। मामले में किसी तरह की कार्रवाई न होने पर उन्होंने वाणिज्यकर विभाग को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की। आरोप लगाया था कि फर्मों ने राजस्व की चोरी की है।
फर्मों की ओर से यूनिफार्म की सिलाई के जो केंद्र दर्शाए गए हैं, वे हैं ही नहीं। यही नहीं, फर्मों ने कोई टैक्स भी जमा नहीं किया। इस पर पूर्व में डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर विमल कुमार दूबे ने बीएसए को पत्र भेजकर कहा कि आपकी की तरफ से जारी सिलाई केंद्रों की सूची में टैक्स एनवायस नंबर, धनराशि, व्यापारी की ओर से प्रस्तुत टैक्स में काफी अंतर है। कुछ स्कूलों की ओर से सिलाई के मद में भी भुगतान प्रदर्शित किया गया है। यह भुगतान किसको और किस मद में किया गया, इसका भी पता नहीं है। डिप्टी कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ज्वाइंट कमिश्नर ओ पी सिंह को पत्र भेजकर जांच का अनुरोध किया।
इस पर ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी ने जांच को मंजूरी दे दी थी। परंतु फिर भी जाॅच में अत्याधिक विलंब होने पर श्री त्रिपाठी ने एडीशनल कमीश्नर ग्रेड –2 (SIB) वाणिज्य कर वाराणसी जोन द्वितीय वाराणसी को पत्र भेजकर अपने स्तर से जाँच कराने हेतु माँग की गयी थीं।माॅग को स्वीकार्य करते हुए उनके द्वारा SIB वाणिज्य कर मिर्जापुर से प्रगति रिपोर्ट माँगी गयी।जिस पर डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर SIB मिर्जापुर अखिलेश कुमार सिंह ने यह उल्लेखन किया। कि जाॅच में प्रयुक्त सूची को इस कार्यालय में एम एस एक्सेल शीट पर फीड कराते हुए व्यापारीवार इन सूचनाओं को संकलित कर कुल 32 व्यापारियों से संबंधित सूचनाओं में से 5 ऐसे बडे़ व्यापारी मेसर्स अभिषेक इंटरप्राइजेज धनवतिया भदोही, मेंसर्स जय मां विंध्यवासिनी सप्लायर्स मोढ ज्ञानपुर भदोही, मेसर्स लक्ष्मी कलेक्शन एवं गारमेंट्स ममहर बाजार भदोही, मेंसर्स वीर इंटरप्राइजेज रामपुर जौनपुर व मेसर्स यश इंटरप्राइजेज रामपुर जौनपुर है।
जिन्होंने रूपया 28 लाख से अधिक के यूनिफार्म के आपूर्ति विभिन्न स्कूलों में की है, के रिटर्नो की जाॅच इस कार्यालय द्वारा की गई है जिसमें से अभी तक दो व्यापारियों मेसर्स अभिषेक इंटरप्राइजेज धनवतिया भदोही, मेसर्स जय मां विंध्यवासिनी सप्लायर्स मोढ़ ज्ञानपुर भदोही के विरुद्ध प्रतिकूल तथ्य आए हैं जिससे यह पाया गया है कि व्यापारी द्वारा जितनी आपूर्ति स्कूलों में की है। उससे कम अपने रिटर्न में घोषित किया है।
इन दो व्यापारियों मेसर्स अभिषेक इंटरप्राइजेज धनवतिया भदोही, मेसर्स जय मां विंध्यवासिनी सप्लायर्स मोढ ज्ञानपुर भदोही के अभिलेखों की जांच करते हुए प्रतिकूल तथ्यों से कर निर्धारण अधिकारियों को प्रतिवेदन प्रेषित किया जाएगा, अन्य तीन बड़े व्यापारियों द्वारा की गई आपूर्ति की जांच की जा रही है। शेष व्यापारियों से संबंधित सूची असिस्टेंट कमिश्नर प्रशासन वाणिज्यकर भदोही को पत्र संख्या 240 दिनांक–16 अगस्त 2018 को इस आशय से प्रेषित किया गया है कि सभी खंडों में उपरोक्त सूचना प्रेषित करते हुए उक्त सूची में अंकित आपूर्ति का मिलान व्यापारी के रिटर्नो से करते हुए प्रतिकूल तथ्य के संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई किया जाएl यदि ऐसे ही मनमानी पुर्ण रवैया सरकारी विभागों का रहेगा तो देश के लोग भ्रष्टाचार से मुक्ति का सपना देखना छोड़ देना चाहिये।