वाराणसी से अमित वर्मा की रिपोर्ट
वाराणसी : भदोही जनपद के गोपीगंज थाने में बीते 29 जून को गोपीगंज थाना के फूलबाग निवासी दो भाईयों रामजी मिश्रा और अशोक मिश्रा के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद के दौरान पुलिस द्वारा दो चार थप्पड़ लगाकर हवालात में डालने के बाद रामजी मिश्रा की मौत के मामले में भारी हंगामे के बीच प्रशासनिक राजनीतिक दबाव बनने के बाद बिना उचित जांच के थानाध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा के विरुद्ध धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जबकि बताने के अनुसार सुनील कुमार वर्मा घटना के वक्त थाने में मौजूद नही थे।
पुलिस अधीक्षक ने जो प्रेस नोट जारी किया है। उसपर यदि गौर से देखें तो लिखा है कि दोनों भाईयों में विवाद हुआ। यह तहरीर मृतक की बेटी ने दिया है। विवाद के बाद कोष्ठक में मारपीट शब्द का प्रयोग किया गया है। मतलब मृतक की बेटी एक तरफ पुलिस पर मारने का आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ खुद कबूल भी कर रही है कि दोनों भाईयों में मारपीट भी हुई थी। प्रथम दृष्टया पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहीं भी मृतक के शरीर पर चोट के निशान नहीं दिखे हैं। हालांकि अशोक मिश्रा के कान के पास चोट के निशान हैं, लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि यह चोट पुलिस की वजह से लगी है उक्त चोट भाईयों की मारपीट में भी आ सकते है। मतलब मुकदमें में ही सवालिया निशान चोट के बारे में लग चुका है।
वहीं घटना को लेकर स्वर्णकार समाज में रोष व्याप्त है। इस संबंध में मंगलवार देर शाम वाराणसी स्वर्णकार व्यापार मंडल समिति की बैठक हुई। मौके पर घटना के निष्पक्ष जांच न करते हुये जातिगत व राजनीतिक दबाव में गलत तरीके से सुनील कुमार वर्मा के उपर मुकदमा दर्ज करने की आलोचना की गयी। मौके पर वाराणसी स्वर्णकार व्यापार मंडल अध्यक्ष जितेंद्र सेठ ने कहा कि हमें पीड़ित परिवार से पूरी सहानुभूति है लेकिन हम राजनीतिक दबाव में बिना जांच किए थानाध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा के ऊपर दर्ज हुए मुकदमे का कड़े शब्दों में निंदा करते हैं तथा इसके लिए पूरा स्वर्णकार समाज एकजुट होकर घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करता है।
उक्त थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं तो बिना उनसे जांच किए सुनील कुमार वर्मा को कैसे दोषी मानते हुये मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वर्ग विशेष की राजनीति के तहत निर्दोष पर अत्याचार नहीं होने दिया जाएगा। मौके पर मौजूद स्वर्णकार बंधुओं ने कहा कि यदि मामले में निष्पक्षता ना बरतते हुए सुनील कुमार वर्मा के साथ ज्यादती जाएगी तो स्वर्णकार समाज बड़े पैमाने पर आंदोलन को बाध्य होगा। स्वर्णकार संगठन ने मीडिया बंधुओं से अपील की है कि वह मामले में निष्पक्ष जांच का मुद्दा उठाएं जिससे पीड़ित परिवार व थानाध्यक्ष दोनों के साथ न्याय हो। मौके पर संगठन के महामंत्री मुरारी लाल सोनी, संरक्षक ध्रुव सेठ, कमलेश वर्मा, सुजीत सोनी, संतोष सेठ, बृजेश सेठ, मोनू सेठ, राजेश सेठ, पप्पू सेठ सत्यनारायण सेठ, अमित वर्मा, किशन सेठ समेत दर्जनों स्वर्णकार बंधु मौजूद रहे।
इस मामले की पूरी जांच हो । और इसमें पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही है। जब जहा उनको बन्द कर के रख गया न उसमे हवा न लाइट कुछ नही था तो उसके कहने पर पुलिस क्यों नही निकाली उसको वहा से।