Home मुंबई काव्यसृजन के तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा के साथ शब्दाजंली

काव्यसृजन के तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा के साथ शब्दाजंली

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ठाणे। राष्ट्रीय साहित्यिक सामाजिक व सांस्‍कृतिक संस्‍था काव्‍यसृजन द्‍वारा श्रीकृष्‍ण ट्‍यूटोरियल भाईंदर ईस्‍ट ठाणे में आयोजित मासिक काव्‍यगोष्‍ठी में इसबार दिवंगत आत्मा ओं की शांति हेतु श्रद्धांजलि सभा के रूप में रखी गई। जिसमें दिवंगत आत्मा स्‍व. कैलाश गुप्‍त (अध्‍यक्ष) कावयकुंज, मूलचंद निहालानी, (अध्‍यक्ष) रौनक ए बज्‍म, व संस्‍थापक सिन्‍धु साहित्यधारा, सुषमा स्‍वराज, बाबूलाल गौर, अरुण जेटली, नंदकिशोर नौटियाल, इन सभी विभूतियों को जो हमसे बिछुड़ कर अनंतलोक में बिचरण करने चली गईं, सभी सभा में उपस्थित लोगों ने अपनी तरफ से श्रद्‍धासुमन अर्पित कर अपनी कृतज्ञता व्‍यक्‍त की।

प्रथम सत्र में सभी कवि कवयितत्रियों ने पुष्‍पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्‍माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की तत्‍पश्‍चात स्‍व. कैलाश गुप्‍त जी व मूलचंद जी के व्‍यक्‍तित्‍व व कर्तित्‍व पर आदरणीय हौंसिला अन्‍वेषी, शिवप्रकाश जौनपुरी, रवि यादव, रमेश श्रीवास्‍तव अंशू जैन झल्‍लारी, जाकिरहुसैन रहबर, शिवकुमार वर्मा, कुमार, दीपक निहालानी जी ने प्रकाश डाला। प्रथम सत्र की अध्‍यक्षता आदरणीय हौंसिला अन्‍वेषी जी और संचालन पं. शिवप्रकाश जौनपुरी जी ने किया।

द्‍वीतीय सत्र में कवि कवयित्रियों ने दिवंगत आत्‍माओं को शब्‍दांजलि अर्पित की। जिसमें कवि शिवप्रकाश जौनपुरी, मुर्धन्‍य पुर्वांचली, अंजनी दूबे, विजयनाथ मिश्र, रमेश श्रीवास्‍तव, आशीष अनोखा, महेश गुप्‍त जौनपुरी, रवि यादव, जाकिर हुसैन रहबर, निर्मल नदीम, अल्‍लढ़ असरदार, दीपक निहालानी, लालबहादुर यादव कमल, श्रीधर मिश्र, लोकनाथ तिवारी अनगढ़, जवाहरलाल निर्झर सरस पाण्डेय, शिवकुमार वर्मा, इत्यादि रहे। कवयित्रियों में डॉ वर्षा सिंह, इंदू भोलानाथ मिश्रा, सुमन तिवारी, नताशा गिरि जी ने भी शब्‍दांजलि अर्पित की।

द्‍वीतीय सत्र की अध्‍यक्षता प्रोफेशर पं. सरस पाण्डेय जी व संचालन शिवकुमार वर्मा कुमार जी ने बखूबी किया। अपने कध्‍यक्षीय भाषण में सरस पाण्डेय जी ने उपरोक्त आयोजन को सुचारु रुप से आयोजित करने के लिए संस्‍था व संस्‍था काव्‍यसृजन के पदाधिकारियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की खास करके संस्‍था के अध्‍यक्ष भोलानाथ तिवारी जी की जिनके अथक परिश्रम से आयोजन सम्‍पन्‍न हुआ।

संस्‍था के मार्गदर्शक हौंसिला अन्‍वेषी जी ने सभी कवियों की रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए सभी को साधुवाद दिया और उत्‍साहित भी किया।अंत में स्‍व. मूलचंद निहालानी के छोटे सुपुत्र दिनेश निहालानी जी ने सभी का आभार व्‍यक्‍त करते हुए नम आँखों से सबका अभिनंदन किया।

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