Home भदोही आजम खान के बदजुमानी के क्या मायने?

आजम खान के बदजुमानी के क्या मायने?

हमार पूर्वांचल
हमार पूर्वांचल

देश की भरी संसद में एक महिला संसद सदस्य के लिए सपा के नेता व रामपुर के सांसद आजम खान ने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया। उससे उनकी गंदी मानसिकता का पता चल जाता है। और इस गंदी मानसिकता में लिप्त सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी दिखे। क्योकि जब आजम खान महिला सांसद से अपनी बात कह रहे थे तो अखिलेश ने आजम खान को इस तरह की भाषा बोलने को रोकने के जगह मुस्कुराते रहे थे।

यही आजम खान है जो आये दिन विवादित बयान देते रहते है। और बात बढ जाने पर मुस्लिम होने की सजा की बात कहते है। अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव के समय भाजपा की नेत्री जया प्रदा को लेकर बडा ही शर्मनाक बयान दिया था। जिससे पुरे देश में आजम खान की थू-थू हुई थी। आजम खान को समझ में नही आता कि वे किसे क्या बोल देंगे यह उन्हें भी पता नही रहता। इसके पीछे उनकी गंदी मानसिकता व कुसंस्कार है जो आए दिन उनको घेरने में सहायक सिद्ध होती है। मानते है कि आजम खान पर दो दर्जन से ज्यादा जमीन हथियाने के मामले है और ‘भू माफिया’ की पदवी भी मिल गई है। इसका यह मतलब नही होना चाहिए कि अपने कुकर्मों से अजीज आकर देश की महिलाओं को लेकर फालतू बयानबाजी करें।

यदि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सपा नेता आजम खान को लगता है कि संसद में महिला सांसद के बारे में की गई टिप्पणी सही तो ये दोनों नेता सावर्जनिक रूप से अपने बहन-बेटियों से भी ऐसे ही बात करें। तब जाना जाए कि सच में सपा के दोनों नेता के कथनी करनी में अंतर नही है। पता नही किस विद्यालय में आजम खान को इस तरह की शिक्षा दी गई जिसमें देश की महिलाओं के सम्मान के बारे में तनिक भी शर्म नही है। इन बेशर्म नेताओं से देश के विकास व सम्मान के बारे में क्या कल्पना की जाए? अखिलेश के बारे में कहा जाता है कि वह शिक्षित नेता है लेकिन आजम खान का समर्थन करने पर उनकी शिक्षा का भी पता चल गया।

आजम खान द्वारा आए दिन विवादित बयान देने के पीछे देश के मुसलमानों को बरगलाना और कानून की दुहाई देना शामिल है। क्योकि आजम खान एक मुस्लिम सांसद है। और इसीलिए फालतू बयानबाजी करते है जिससे उनके ऊपर कार्यवाही हो और जब कार्यवाही होगी तो देश में यह हवा देंगे कि मुसलमानों पर सरकार अन्याय कर रही है और कार्यवाही कर रही है। इसके पीछे देश के मुसलमानों को बरगलाने की गहरी साजिश है। क्योकि आजम को पता है कि यदि सरकार मेरे खिलाफ कार्यवाही करेंगी तो देश में अंधभक्त मुसलमान सरकार के विरोध में आकर नया बखेडा खडा करके आजम का समर्थन करेंगे। और दूसरी बात कानून की कमजोरी भी है जो केवल गरीब व कमजोरों पर ही लागू होती है। दबंग और बडे लोगों पर नही। इन दोनों चीज का फायदा उठाकर आजम खान आए दिन विवादित बयान देते है। और अखिलेश का मूकदर्शक बने रहने के पीछे की वजह मुस्लिमों का वोट है। क्योकि अखिलेश को आजम खान के खिलाफ जाने की हिम्मत नही है।

आजम खान के वजह से ही समाजवादी पार्टी को मुसलमानों का वोट मिलता है। जिस दिन अखिलेश आजम का विरोध कर देंगे उसी दिन सपा के हाथ से मुस्लिम वोट निकल जाएंगा। इसी वजह से अखिलेश यादव को आजम खान के बयान का विरोध करने की हिम्मत नही है। जिस तरह संसद में आजम खान ने महिलाओं के बारे में अपनी मानसिकता का उदाहरण पेश किया वह भविष्य में कही न कही आजमखान के गले की हड्डी जरूर बनेगा। आजम के बयान का समर्थन करने वाले यह बताएं कि जो भाषा आजम ने संसद भवन में महिला सांसद को लेकर बोला। क्या वही बात सुनकर समर्थक अपने बहन बेटियों को बोलने वाले का समर्थन करेंगे? देश में महिलाओं का सम्मान करना सभी का परम कर्तव्य है लेकिन कुछ ‘गंदे लोग’ इसकी कीमत क्या जाने? नेताओं के हाथ में देश की बांगडोर है कम से कम सोच समझकर बयान बाजी करें। यदि आजम खान जैसे मूर्ख नेता हो तो उनकी सदस्यता समाप्त करके जेल भेज देना ही अच्छा है। जिससे लोग भविष्य में गलत भाषा का प्रयोग नही करेंगे।

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