अभी चंद दिन पूर्व ही भदोही कोतवाली का प्रभार संभालते ही छेड़ीबीर के चर्चित अपराधी आजम खां को गिरफ्तार कर वाहवाही का ढिंढोरा पिटवाये नवीन तिवारी ने एक हत्यारोपी को निजी मुचलके पर छोड़ कर अपने कार्यशैली की संवेदना पर सवालिया निशान लगा दिया है। इधर पीड़ित परिवार इस आशंका में है कि खुला घूम रहा नामजद आरोपी कहीं उसके परिवार के साथ कोई और अनहोनी न कर दे। दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि कोतवाल ने किसी राजनीतिक दबाव में ऐसा किया या फिर मामला कुछ और है।
मजे की बात तो यह कि हत्या किसी आमजन परिवार के सदस्य की नहीं बल्कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला संयोजक शाहबान मंसूरी के छोटे भाई कलाम उर्फ बबई मंसूरी 40 वर्ष की हुई है। इस मामले में खुद शाहबान ने पांच हत्यारोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दिया। बताया कि मुख्य हत्यारोपी इसरार पुत्र कल्लू शाह निवासी छेड़ीबीर जलालपुर खुद उसके भाई बबई को अपरान्ह करीब एक बजे घर से बुलाकर ले गया। एक घंटे बाद ही उसकी लाश इसरार के घर के बाहर लावारिश पड़ी मिली। उसके कनपटी पर घाव और पीठ पर मारपीट के निशान थे। शाहबान के अनुसार पुलिस उनकी तहरीर पर नामजद हत्यारोपियों के खिलाफ हतया का मामला भी दर्ज किया और रात में दबिश देकर मुख्य हत्यारोपी इसरार को गिरफतार भी कर लिया। किन्तु सुबह पता नहीं क्यों कोतवाली प्रभारी नवीन तिवारी हत्यारोपी को निजी मुचलके पर छोड़ दिये।
शाहबान ने बताया कि इसकी शिकायत जब वह कोतवाल श्री तिवारी से करते हुये हत्यारोपी को छोड़े जाने से अपने परिवार के प्रति असुरक्षा की आशंक जाहिर किया तो उसे थाने में कोतवाल की पुलिसिया घुड़की का शिकार होना पड़ा। आरोप है कि कोतवाल ने कहा कि हत्यारोपी को छोड़ा जाना उनकी मर्जी और कार्यशैली का अंग है। निराश शाहबान थाने से वापस लौट आया।
शनिवार को आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण केमिकल अथवा अल्कोहल का पाया जाना माना गया है। मामला मंगलवार का है। शाहबान का भाई कलाम उर्फ बबई पेशे से कालीन मजदूर था। उसकी पत्नी अर्ध विक्षिप्त है। उसके पास छह बेटे हैं। सबसे छोटे बेटे की उम्र करीब तीन वर्ष है। बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी अकेले बबई पर थी जो अब अनाथ हो गये हैं। बबई की मां के अनुसार मंगलवार को हत्यारोपी इसरार सुबह से तीन बार उसके यहां आया और बबई को पूछता रहा। तीसरी बार बबई घर पर मिल गया उसे साथ लेकर वह चला गया। एक घंटे बाद उसका शव इसरार के घर के बाहर पड़े रहने की जानकारी मिली।
हत्यारोपी इसरार के विषय में बताया गया कि वह मूलत: चौरी थाना क्षेत्र के ममहर का निवासी है। लंबे समय से वह छेड़ीबीर में ही अपने पिता कल्लू शाह के साथ रहता है। बताया गया कि निकाय चुनाव के दौरान इसरार का पिता कल्लू शाह सभाषदी का चुनाव लड़ा था। जिसमें वह हार गया। वोट न देने की बात को लेकर कलाम उर्फ बबई से विवाद भी हुआ था। जिसकी रंजिश अभी तक चली आ रही थी।
सूत्रों की मानें तो घटना के दिन इसरार अपने कुछ साथियों के सहित कलाम उर्फ बबई के साथ अपने घर में आया। थोड़ी देर बाद ही सभी बबई के शव को घर के बाहर कर घर में ताला लगाकर फरार हो गये। सूचना पाकर परिजन पहुंचे और सूचना पुलिस को दी गयी। पुलिसिया कार्रवाई कर शव पोस्टमार्टम को भेजा गया। मृतक के भाई की तहरीर पर पांच नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया। रात में मुख्य आरोपी इसरार गिरफ्तार भी हुआ। किन्तु सुबह निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
नामजद हत्यारोपी का निजी मुचलके पर छोड़ा जाना ही कोतवाल नवीन तिवारी की कार्यशैली को सवालों के घेरे में ला दिया है। इसके पूर्व श्री तिवारी जिले में क्राइम ब्रान्च के प्रभारी थे। उन्हें काफी तेज तर्रार माना जाता रहा है। किन्तु सामान्य कहासुनी के मामले में भी कम से कम एक रात जेल का सैर कराने वाली पुलिसिया कार्यशैली हत्या जैसे जघन्य मामले के नामजद आरोपी को कैसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया। आश्चर्य तो तब और जब पीड़ित परिवार आरोपी से खुद को असुरक्षित होने की दुहाई दे रहा है।
जो भी हो किन्तु कोतवाल नवीन तिवारी की यह नवीन शैली औरों के समझ से परे है। याद दिला दें कि गत दिनों नई बाजार के अमरौना में दो युवकों के बीच हुये विवाद और मारपीट में पीएससी जवानों के साथ फ्लैग मार्च कर नवीन तिवारी एक तरफ शान्ति के प्रति अपनी सजगता प्रदर्शित करना चाहे, वहीं दूसरी तरफ हत्या के मुख्य आरोपी को निजी मुचलके पर छोड़कर अब कैसा संदेश देना चाहते हैं यह तो वहीं जानें।