भदोही। भारत की राजनीति में जातिवाद एक सशक्त हथियार बन चुका है। जाति के नाम पर टिकट बाटे जाते हैं और जाति के आधार पर ही चुनावी रणनीति तय होती है। अब ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने भी ब्राम्हणवाद का ट्रंप कार्ड खेला है और इस ट्रंप कार्ड में उनके समर्थक मोहरा भी बन चुके है। सोशल मीडीया पर बाहुबली विधायक के समर्थक ब्राह्मणवाद के नाम पर सरकार को घेर भी रहें हैं। हालांकि उन्होने उत्पीड़न का आरोप भी ब्राह्मण नेताओं पर ही लगाया है।
भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक बने विजय मिश्रा पर एक ऑडियो वायरल होने के बाद भदोही पुलिस ने गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की है।सबसे विचित्र बात यह है कि यह कार्यवाही किसी की शिकायत पर नहीं। बल्कि भदोही पुलिस ने स्वत संज्ञान लेकर किया है। भदोही के पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने मीडिया में जो बयान दिया उसके अनुसार विजय मिश्रा के ऊपर जिला बदर की कार्यवाही भी हो सकती है। पुलिस के द्वारा की गई इस कार्यवाही के पश्चात ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने ज्ञानपुर स्थित जिला पंचायत सभागार में मीडिया को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें ब्राह्मण होने के नाते परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या ब्राह्मण होना कोई गुनाह है।
लेकिन सबसे हास्यास्पद बात यह भी रही कि एक तरफ बाहुबली विधायक खुद को निरीह बता कर ब्राह्मण होने के कारण पीड़ित होना बता रहे हैं। जबकि वे सरकार के ऊपर कोई उंगली नहीं उठाई। उन्होंने साफ तौर पर जाहिर किया कि पुलिस ने जो कार्रवाई की है। इसके बारे में शायद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पता नहीं होगा। इसलिए वे मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे। गुंडा एक्ट की कार्रवाई होने के लिए उन्होंने भदोही के ब्राह्मण नेताओं के ऊपर ही साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने साफ तौर पर भाजपा के भदोही विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी, पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी और पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडे का नाम लिया।
उन्होंने कहा कि बसपाई मानसिकता के लोग उनकी हत्या कराना चाहते हैं। जब विजय मिश्रा ने यह बयान दिया कि क्या ब्राह्मण होना गुनाह है तो उनके समर्थकों ने इस मुद्दे को कानपुर के विकाश दूबे से जोड़ दिया। उनके समर्थक फेसबुक पर लिखने लगे कि सरकार में ब्राह्मणों के ऊपर अत्याचार हो रहा है। योगी सरकार ब्राह्मण विरोधी है।
गौर करने वाली बात यह है कि एक तरफ विजय मिश्रा योगी सरकार के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाए। उन्होने खुद को भाजपा समर्थक बताते हुए एमएलसी चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने में सहयोग करने की बात कही किन्तु शासन और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए ब्राह्मणवाद का दाव भी खेल दिया जिसका असर सोशल मीडीया पर देखा जा रहा है। विधायक के समर्थक एक तरफ ब्राह्मण के नाम पर सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहें हैं तो दूसरी तरफ ब्राह्मणवाद का ट्रंप कार्ड खेलने वाले विधायक ब्राह्मण नेताओं पर ही आरोप जड़ दिए।