Home भदोही भाजपा के लिये इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या होगी

भाजपा के लिये इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या होगी

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भदोही। राजनीति में तमाम तरह की बातें अक्सर होती रहती हैं, किन्तु जब कोई ऐसी बात हो जाये जो लोगों के गले से नहीं उतरे और लोग उसी बात को लेकर मजाक बनाने लगे तो क्या कहेंगे। जीहां भदोही में एक ऐसा वाकया हो गया जिसे लेकर लोग तरह तर​ह की बातें करने लगे हैं, लोगों का कहना है कि भाजपा के एक नेता जो राष्ट्रीय चेहरा है फिर भी कुछ लोग उन्हें नहीं पहचानते तो चर्चा करना लाजिमी हो जाता है और न पहचानने की बात करने वाले कोई गांव देहात के गुमनाम लोग नहीं बल्कि पढ़े लिखे और सरकारी कर्मचारी हैं।

बता दें भदोही जिले के औराई विधानसभा से भाजपा के विधायक दीनानाथ भाष्कर कोई नये नेता नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। श्री भाष्कर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बसपा के बाद वे सपा में गये और भदोही विधानसभा से चुनाव जीतकर सदन में जा चुके हैं। अब मौजूदा समय में भाजपा में औराई विधायक भी हैं। यहीं नहीं श्री भाष्कर पूर्वांचल की राजनीति में एक अलग पहचान रखते हैं और दलितों के नेता भी कहे जाते हैं। इसके बावजूद जब कोई कहे कि वे श्री भाष्कर को नहीं पहचानते तो यह भाजपा के लिये शर्मनाक बात होगी कि प्रदेश का चर्चित चेहरा भाजपा में आकर गुमनाम हो गया।

मामला यह है कि गत 12 मई को लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान श्री भाष्कर पर आरोप लगा कि वे औराई विधानसभा के लसमड़ा बूथ पर गये और वहां पर मौजूद राधेश्याम गौतम नामक पीठासीन अधिकारी से मारपीट किया। इस मामले में उनके उपर मुकदमा भी दर्ज किया गया। इस मामले को लेकर अभी चर्चा चल ही रही थी कि 18 मई को एक हलफनामा बूथ पर तैनात कर्मियों ने दिया। जिसका मजमून यह था कि बूथ पर न कोई घटना घटी और न ही कुछ विवाद हुआ, लेकिन जो बात चर्चा में आयी वह यह थी कि हलफनामा देने वाले सभी लोगों ने एक लाईन भी लिखी कि वे दीनानाथ भाष्कर को जानते पहचानते नहीं हैं।

खैर बूथ पर कुछ नही हुआ और मतदान में कोई रूकावट नहीं आयी यह अच्छी बात है किन्तु सरकारी कर्मचारी जो भदोही जिले के ही हैं वे भला दीनानाथ भाष्कर को जानते ही नहीं हैं। क्या भाजपा में आने के बाद श्री भाष्कर की अपनी पहचान ही गुम हो गयी है। जो व्यक्ति बसपा से ही राजनीति का चर्चित चेहरा रहा हो और अपनी धमक से पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बनाया हो वह भाजपा में आने के बाद गुमनाम हो गया और जिले के सरकारी कर्मचारी भी श्री भाष्कर को पहचानना छोड़ दिये हैं।

आखिर विधायक को क्यों नही पहचानते लसमडा में तैनात मतदान कर्मी?

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