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जब जान पर खेलकर होमगार्ड ने पढ़ा दिया भदोही पुलिस को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ

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भदोही जनपद की औराई कोतवाली किसी न किसी बात को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहती है। वहीं कोतवाली एक बार फिर चर्चा में बनी है, लेकिन इस बार चर्चा का केन्द्र जिले के चर्चित कोतवाल सुनील दत्त दूबे नहीं हैं ओर न ही कोई थाने का अधिकारी या सिपाही है। बल्कि चर्चा में कोतवाली का एक ऐसा होमगार्ड चर्चित हुआ है जिसने अपने हिम्मत के दम पर न सिर्फ होने वाले बवाल को रोक बल्कि पूरी भदोही के पुलिस को भी कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ा दिया।

जी हां! अक्सर देखा जाता है कि सड़क के किनारे किसी बात को लेकर यदि कहीं पर किसी से तू—तू मैं—मैं हो रही है और उसी दौरान कोई सिपाही भी जा रहा है तो वह अपना मुंह फेर कर चला जाता है। आमतौन पर ऐसा ही होता है कि सूचना देने के बाद ही पुलिस मौके पर जाती है। कई मामलों में यह भी देखा गया है कि बड़े बड़े विवादों में भी पुलिस तबतक कार्रवाई नहीं करती जबतक कोई लिखित सूचना न दे। ऐसे कई कारनामें पुलिस विभाग के दामन पर दागदार छींटे के रूप में बिखरे पड़े हैं, लेकिन इस होमगार्ड में इतनी हिम्मत कहा से आ गयी जो बिना अपनी जान की परवाह किये दो गुटों के बीच चल रहे झगड़े में घुस गया और दोनों को ललकार कर विवाद को ही रोक दिया।

भदोही जिले के औराई कोतवाल सुनील दत्त दूबे न सिर्फ अपने मातहतों को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ ही पढ़ाते हैं बल्कि उन्हें उस पाठ को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा भी देते हैं। शायद इसी प्रेरणा का परिणाम था कि कोतवाली में तैनात होमगार्ड शिवपूजन शक्ला बैंक डयूटी देने के बाद घर जा रहा था। जब वह महराजगंज बाजार पहुंचा तो देखा बाजार के ही अग्रहरि परिवार के के लोग आपस में लाठी डंडा लेकर एक दूसरे की जान लेने पर अमादा थे। यह देखते ही होमगार्ड को मिली सीख याद आ गयी। उसकी समाज के प्रति कर्तव्यनिष्ठा जाग उठी और वह दोनों पक्षों के बीच अपनी लाठी लेकर खड़ा हो गया और ललकारते हुये दोनों को हटा दिया।

मारपीट की घटना को रोकने के बाद होमगार्ड ने औराई कोतवाल सुनीलदत्त दूबे को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने विवाद को बड़ा होने से बचा लिया। इसके बाद होमगार्ड को कोतवाली में प्रभारी सहित जहां अन्य अधिकारियों ने सराहना की वहीं उसका स्वागत करके उत्साहवर्धन भी किया। देखा जाय तो आवेशित मारपीट करने वाले होमगार्ड के उपर भी हमला कर सकते थे, लेकिन उसकी हिम्मत को देखकर किसी ने जुर्रत नहीं की। होमगार्ड के इस कर्तवयनिष्ठा की प्रशंसा हो रही है।

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