कहते हैं शब्दों में बड़ी ताकत होती है। पुरातन काल में जब दो राजाओं के बीच लड़ाई होती थी तो सेना में जोश भरने के लिये वीर रस के कवि होते थे जो अपने जोशीले गीतों के माध्यम से सेना का मनोबल मजबूत करते थे।
“राम मय होने लागा है।” जी हाँ अपने सही पढ़ा इसी से से अपने वक्तव्य की शुरुवात की जैन मुनि ने मुंबई के धर्मसभा में।
ऐसा ही रविवार को देखने को मिला जब मुम्बई में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जैन मुनि नयनपद्य महराज के ओजस्वी वक्तव्य ने लोगों के रोम-रोम में जोश भर दिया। राम मंदिर को लेकर जैन मुनि ने जहां कांग्रेस को आड़े हाथों लिया वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की।
जैन मुनि ने कहा कि मुसलमानों को खुश करने के लिये कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को ही इनकार दिया। कहा कि “कांग्रेस के पुरोधा यह देखें कि उनके मां-बाप थे कि नहीं।” कहा कि “जिस देश में हिन्दू रहते हैं वहां भगवान राम का मंदिर न बनना शर्म की बात है।” उन्होंने हिन्दुओं की शौर्य गाथा कहते हुये कहा कि हमने अपने सर तो कटवा दिया किन्तु श्रद्धा के साथ समझौता नहीं किया। कहा कितने शर्म की बात है जब भी राम का नाम आता है देश साम्प्रदायिक बन जाता है। जिसके नाम पर आजादी मिली आज उसे ही टिनशेड में रहना पड़ रहा है। कहा राम का नाम लेने में जिसे साम्प्रयिकता का आभास होता है उन्हें सरकार में रहने का कोई हक नहीं है।
कहा अब आस्था के साथ खेला जाय इसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। भगवान की परम्परा जहां भगवान राम की बात आती है वहां गर्दन काट देनी चाहिये। आगे कहा की “ये देश सिंह के सत्व को ले कर के चलने वाले सिंह स्त्वशालियों का देश हैं।”
अक्रुरता की परकाष्ठाएं हो रही हैं इस विश्व के अंदर हिन्दू मार खाने के लिए पैदा नहीं हुआ, हिन्दू डरने या घबराने के लिए पैदा नहीं हुआ, हम सहिष्णु हैं समन्वयशील हैं हम सब को ले कर चलते हैं, आज पुरे विश्व में मुस्लमान जितना हिंदुस्तान में सुरक्षित हैं उतना कहीं नहीं हैं। ये हमारी विशालता है, लेकिन इसका ये अर्थ नहीं होता की हमारी आस्था के साथ खेला जाएँ। — जैन मुनि
“कोई कहता है की जमीन बदल दो क्या फर्क पड़ता हैं। उनको बोलिये न की तुम्हारे बाप को बदल दो क्या फर्क पड़ता हैं। “ — जैन मुनि
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं आजादी मिले 70 साल हो गये लेकिन मेरा मानना है कि देश तब आजाद हुआ जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने कहा जरूरत पड़ी तो मंदिर बनाने में सबसे अधिक भागीदार जैन समाज होगा। मंदिर संगमरमर नहीं सोने का बना दिया जायेगा। कहा जो लोग यह कहते हैं कि राममंदिर की जगह बदल दो उन्हें अपने बाप बदल देने चाहिये।
[…] […]