मुंबई। मुंबई में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं और मरीजों को समय पर प्रवेश, उपचार और व्यापक जानकारी प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के पास एक सक्षम प्रणाली नहीं है। इससे मुंबई महानगर पालिका की छवि पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। ऐसी स्थिति में, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के पास अभी भी एक अंशकालिक उपायुक्त है और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को पूर्णकालि मनपा उपायुक्त कब मिलेगा? यह सवाल आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पूछा है। मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे, मुख्य सचिव अजोय मेहता और मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने आज स्वास्थ्य विभाग के लिए एक नहीं बल्कि सात आईएएस अधिकारियों को भेजा है। 1 आयुक्त, 2 अतिरिक्त आयुक्त और 1 संयुक्त आयुक्त को जोड़कर, कुल 11 आईएएस अधिकारी वर्तमान में मुंबई महानगरपालिका में कार्यरत हैं। लेकिन दुर्भाग्य से सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कोई पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त नहीं है।
अनिल गलगली ने आगे कहा कि वर्तमान में मनपा उपायुक्त जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग का प्रभार दिया गया है, वे सुधार विभाग के पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार, मुंबई महानगरपालिका खुद सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी कर रही है, अन्यथा एक पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त को सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किया जाता। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और नवनियुक्त आयुक्त से अपील की हैं कि कमसे कम उपायुक्त की नियुक्ति कर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को महत्व दिया जाए।