पूर्वांचल का भदोही जिला इस समय कोतवाली गोपीगंज के हवालात में हुई मौत को लेकर गरमाया हुआ है, लेकिन इसी बीच उस मासूम का मुद्दा पूरी तरह दब चुका है जो तीन महीने पहले दुष्कर्म का शिकार होते होते बची थी। एक मजबूर गरीब बाप अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिये तीन महीने से पुलिस के चक्कर काट रहा है, लेकिन पुलिस उसकी बात को सुनने के लिये तैयार नहीं है। जबकि आरोपी पेसे के दम पर खुलेआम घूम रहा है।
बता दें कि गोपीगंज नगर के चूड़िहारी मोहाल में एक आठ साल की मासूम बच्ची अपनी हमउम्र सहेलियों के साथ खेल रही थी। तभी उसी मोहल्ले को महेश गुप्ता नामक एक अधेड़ व्यक्ति शराब के नशे में वहशी व वासना के वशीभूत होकर उस आठ साल की मासूम को गोद में उठाकर बाथरूम में लेकर चला गया और अंदर से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया। मासूम के साथ खेल रही बच्चियां भागकर उसके घर गयी और उसके मां बाप को सारी बात बता दी। यह सुनते ही मां बाप के होश उड़ गये और वे भागकर घटनास्थल पर पहुंचे। बाथरूम के अंदर से मासूम के चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी। मामसूम के मां बाप दरवाजा पीटकर खुलवाये तो आरोपी मौके से भाग निकला। मासूम के कपड़े वहशी ने उतार दिये थे, यदि परिजन मौके पर नहीं आते तो बड़ी घटना घट सकती थी। इसके बाद आरोपी की शिकायत गोपीगंज थाने में की गयी किन्तु उस दिन के बजाय दूसरे दिन मुकदमा दर्ज किया गया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है। गोपीगंज में चर्चा है कि तत्कालीन कोतवाल सुनील वर्मा ने आरोपी को बचाने और दर्ज हुई धाराओं को कम करने का प्रयास किये थे। अब गोपीगंज के कोतवाल बदल चुके हैं तो क्या आरोपी जेल की सलाखों के पीछे जायेगा या फिर खुलेआम घूमता रहेगा।
बिल्कुल न्याय मिलना चाहिए।