काशी—प्रयाग के मध्य में बसी धार्मिक नगरी भदोही कई ऐतिहासिक व धार्मिक घटनाओं का जीताजागता प्रमाण रहै है, किन्तु इस धर्म की नगरी में अब राष्टविरोधी ताकतों ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण आये दिन कोई ना कोई बवाल होता रहता है। पिछले दिनों से घटित हो रही घटनाओं से साबित होता है कि कोई तो है जो भदोही की शान्ति में खलल डालने में जुटा है। अफसोस तो यह है कि ऐसी घटनाओं पर जिस तरह भदोही पुलिस लगातार पर्दा डालने में जुटी हुई है यदि यहीं होता रहा तो अंदर ही अंदर सुलग रही यह आग कभी विकराल रूप भी धारण कर सकती है।
बता दें भदोही जिले के गोपीगंज में मोहर्रम के जूलूस के दौरान कुछ भड़काने वाले नारे लगाये गये है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नारो में कहा जा रहा है कि गोपीगंज में जो नारे लगाये गये हैं वे हिन्दू वर्ग को भड़काने के लिये लगाये गये है। हालांकि इन नारों की कोई वीडियो रिकार्डिंग नहीं उपलब्ध है, किन्तु कहा गया कि “गोपीगंज में रहना है तो अल्ला अल्ला कहना है।” इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि “हमार पूर्वांचल” नहीं कर रहा है, किन्तु ऐसा हुआ है तो यह चिंता का विषय है और इसकी जांच भी होनी चाहिये। भदोही पुलिस ने भी ऐसे नारे लगाये जाने की बात से इनकार किया है।
वहीं दूसरी घटना गोपीगंज में ही घटी है। जिसमें एक हिन्दू गरीब महिला के घर में घुसकर मुस्लिम परिवार के करीब आधा दर्जन लोगों ने इतनी पिटाई किया कि उसकी मौत हो गयी। घटना के दिन पुलिस ने इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया किन्तु महिला की मौत के बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गये और आनन फानन में मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि इसमें भी लीपापोती का ही मामला सामने आ रहा है, क्योंकि जिस मुकदमें को धारा 302 के तहत दर्ज करना चाहिये था उसे धारा 304 के तहत दर्ज किया गया है।
वहीं तीसरी घटना पिछले महीने भदोही कोतवाली के मोढ़ चौकी के अंतर्गत सियरहा गांव में घटी थी। जहां कुछ अराजक तत्वों ने एक गर्भवती गाय को सावन महीने में ब्राह्मण बस्ती के पास काट कर फेंक दिया था। घटनास्थल के अवलोकन और परिस्थितियों को देखते हुये यह प्रतीत हो रहा था कि इसे दंगा फैलाने की नियत से किया गया था। इसके बावजूद हिन्दू समुदाय की दूरदर्शिता के कारण साजिशकर्ताओं की साजिश कामयाब नहीं हो पायी और मामला शांत हो गया किन्तु पुलिस की भूमिका इस मामले में भी जिम्मेदार नहीं दिखी। आजतक उस मामले का खुलासा भदोही पुलिस नहीं कर पायी है।
गोपीगंज में यदि इस तरह के भड़काउ नारे लगाये गये हैं तो यह गंभीर विषय है किन्तु पुलिस का ऐसे मामलों में शान्त रहना आने वाले दिनों में घातक हो सकता है। बता दें अगले महीने में दुर्गापूजा का त्योहार जिसमें भारी भीड़ जमा होती है। यदि पुलिस इसी तरह ऐसी घटनाओं पर पर्दा डालती रही तो आने वाले दिनों में किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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