Home खास खबर जिसे संसद की गरिमा का खयाल नहीं वह पीएम बनेगा?

जिसे संसद की गरिमा का खयाल नहीं वह पीएम बनेगा?

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शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाषण देने के पश्चात राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी के पास जाकर जबरदस्ती गले लिपट जाना और फिर अपनी कुर्सी पर बैठने के बाद अपने सहयोगियों की तरफ आंख मारना सोशल मीडिया पर एक मुददा बन चुका हैं । देश की सत्ता पर सबसे अधिक शासन करने वाली पार्टी के अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी को संसदीय और असंसदीय व्यवहार को समझने की जरूरत है। राहुल का यह आचरण एक बार फिर उन्हें पप्पू ही साबित किया है।

दूसरी तरफ जहां राहुल गांधी के पीएम को गले लगाने को भाजपा ने असंसदीय बताकर आपत्ति दर्ज करायी है, वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी इसे अनुचित बताया है। राहुल की इस बचकानी हरकत को जहां उनके समर्थक राजनीतिक दांव मान रहे हैं, वहीं बुद्धिजीवी वर्ग इस क्रित्य को निंदनीय बता रहा है। लोकसभा में सांसदों को लेकर कुछ नियम बनाये गये हैं। उसके अनुरूप ही सांसदों को आचरण करना होता है। इन नियमों को लोकसभा की अधिकारिक बेवसाइट पर भी जिक्र है। पढ़िये उन नियमों को —

– सांसद सदन में कोई किताब, अखबार या पत्र (जो कार्यवाही से संबंधित ना हो) नहीं पढ़ सकते हैं।

– कोई भी सदस्य भाषण दे रहे अन्य किसी भी सदस्य को परेशान नहीं कर सकते और ना हो कोई गलत एक्सप्रेशन कर सकते हैं. कोई भी सांसद स्पीकर और अपनी बात रख रहे अन्य सांसद के सामने से नहीं गुजर सकता।

– सांसद उस वक्त सदन से बाहर नहीं जा सकते, जब स्पीकर सदन को संबोधित कर रहा हो।

– सांसद को सदन को संबोधित करते वक्त अपनी सीट पर ही खड़े रहना होगा. साथ ही उस वक्त सदन में शांति बनाए रखनी होगी, जब सदन में कोई भी नहीं बोल रहा हो।

– सांसद उस वक्त प्रशंसा नहीं करेगा, जब सांसद के अलावा कोई शख्स गैलरी में से सदन में प्रवेश कर लेता है।

– सांसद अध्यक्ष के सामने बैठ नहीं सकता है और न ही अध्यक्ष को पीठ दिखाकर खड़ा हो सकता है. सदन में कोई भी कैसेट या टैप-रिकॉर्डर नहीं बजा सकते।

– सांसद सदन में नारेबाजी भी नहीं कर सकता है। साथ ही सांसद की ओर से अध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर अप्रोच नहीं करना चाहिए।

– राष्ट्रीय ध्वज के अलावा किसी भी तरह का कोई भी बैच नहीं लगा सकते।

– सांसद सदन में न ही कोई झंडे ला सकते हैं और न ही हथियार ला सकता है। सांसदों को सदन की लॉबी में जोर से हंसने और बात करने से बचना चाहिए।

– सांसद सदन में कोई भी साहित्य, प्रश्नोत्तर, पंपलेट, प्रेस नोट आदि नहीं बांट सकते।

– सासंद किसी के विरोध में चलते दस्तावेज नहीं फाड़ सकते।

सदन में अध्यक्ष का फैसला सर्वोच्च होता है। संसद में गले मिलने का कोई नियम नहीं है फिर भी राहुल का पीएम से गले मिलना यह दर्शाता है कि राहुल में अभी तक गंभीरता नहीं है। सोचने वाली बात है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करने वाले व्यक्ति को संसद की गरिमा का भी खयाल नहीं है।

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