भदोही जिले के डीघ ब्लाक के इब्राहिमपुर गांव में शनिवार को दो बालिकाओं की गंगा में डूबने से मौत हो गई, बच्चियों के मौत के पीछे कई सवाल छूट गया लेकिन एक गरीब व कमजोर की बेटियों की मौत को कौन बनायें मुद्दा?
डूबती हुई बच्चियों को किसी ने क्यों नही देखा ?
प्रिया और रिया नामक दो सगी बहनें इब्राहिमपुर गंगा घाट पर जब दोनों बच्चियां डूबी तो किसी ने देखा नही बाद में जब घटना की जानकारी हुई तब पूरा गांव का जमावड़ा लग गया। ज्ञानपुर सीओ ने जब पूछा कि किसी ने इन बच्चियों को डूबते देखा तो पूरा गांव सन्न रह गया और घटना का कोई चश्मदीद न बन सका।
गंगा या गड्डा में डूबी दोनों बहने?
लोलारख शर्मा की चार पुत्रियों में दो पुत्रियों की गंगा में डूबने की बात पर एक आशंका और हो रही है कि यदि बच्चियां इस समय गंगा में डूबती तो बाढ के प्रभाव से उनकी लाश कही अन्यत्र बह कर जा सकती थी और तुरंत मिलने में देर हो सकती लेकिन घटना के तुरंत बाद बच्चियों का शव बरामद होता है, जिससे आशंका बनती है कि बच्चियां गंगा में नही गंगा रेत में बालू निकासी से बने गड्डे में डूबने से मौत हुई। मालूम हो कि इब्राहिमपुर में बालू की निकासी पूरे जिले में प्रसिद्ध है। हालांकि पुलिस व प्रशासन ने बच्चियों की मौत को गंगा में डूबने से बताया है।
ग्रामप्रधान के प्रतिनिधि ने सही जबाब क्यों नही दिया?
इब्राहिमपुर के ग्रामप्रधान के पुत्र रामजी राव से जब मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होने जबाब न देकर वहां से दूर चले गये और कहे कि सब कुछ पुलिस व प्रशासन को बता दिया है उनसे ही पूछ लीजियेl रामजी राव पुरे गांव के मुखिया होने पर भी इस तरह की लापरवाही भरी बात करके अपने को मामले से बचाते नजर आये लेकिन उन्हें मालूम है कि जनता सब जानती हैl रामजी राव ने मीडिया के प्रश्नों का जबाब इसलिये नही देना चाह रहे थे कि लोग रेत में बने गड्ढों में बच्चियों की मौत का कारण लोग पूछेंगें तो क्या जबाब दूंगा? हालांकि अब लोलारख शर्मा की दो बेटियों को तो रेत पर बने गड्ढों ने निगल लिया देखते है अब कौन अगला शिकार बनता है?
मौत या हत्या की आशंका निवारण के लिये पोस्टमार्टम
इब्राहिमपुर में हुई घटना के बाद मौके पर पहुंची एसडीएम ज्ञानपुर अमृता सिंह, सीओ ज्ञानपुर आशीष कुमार पाण्डेय और गोपीगंज के कोतवाल शेषधर पाण्डेय ने बच्चियों के शवों के पोस्टमार्टम के लिये भेजने को तैयारी कर रहे थे तो वही ग्रामीण व वरिष्ठ वकील रामेश्वर नाथ मिश्र ने केवल पंचनामा करके बच्चियों के शव को लोलारख को सौपनें की दलील दी लेकिन प्रशासन ने बच्चियों के शवों को इसलिये पोस्टमार्टम के लिये भेजा जिससे यह पता चल सके कि बच्चियों की मौत डूबने से हुई या किसी ने हत्या कर दी? हालांकि पुरा गांव एक स्वर में पोस्टमार्टम न कराने की बात की लेकिन आये अधिकारियों ने भविष्य में इस मामले को लेकर कोई बात न हो इसके पोस्टमार्टम कराने की बात लोगों को समझाईl जहां बच्चियां डूबी थी वह जगह सूनसान स्थल है इसलिये अधिकारियों को बच्चियों की हत्या की भी आशंका है, इसी निवारण के लिये पोस्टमार्टम को जरूरी बतायाl मौत का सही खुलासा तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पायेगा।
लापरवाही तो नही बना बच्चियों के मौत के कारण?
जिले में गंगा की डूबने की घटनाओं में ज्यादातर मामले लापरवाही के कारण होती है चाहे वह माता-पिता की लापरवाही हो या बच्चों की। अभी सेमराध में भी एक बच्चा डूब गया था, सीतामढी में भी कई डूबने की घटनायें हुई और अब इब्राहिमपुर में भी दो मासूमों की जान चली गईl लोलारख की बेटियों की मौत में भी लापरवाही ही है, आखिर लोग क्यों बच्चों को लोग अकेले गंगा घाटों पर स्नान करने या खेलने जाने देते है? बाद में केवल पछताना पडता है पुरी जिन्दगी। अभिभावकों को चाहिये कि बच्चों को अकेले कही न छोड़े खासकर गंगा घाटों, सड़कों, कुएं, रेल पटरियों या अन्य खतरनाक जगहों पर सावधानी बहुत जरूरी है बच्चों के साथ क्योंकि थोडी सी लापरवाही जिन्दगी को तबाह कर देती है।