भदोही। देश के सबसे बडे लोकतंत्र पर्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे मतदानकर्मी यदि जिले के विधायक को ही न पहचाने तो एक बहुत बडी बात है। मानते है एक आम नागरिक भले न पहचान सके विधायक को। लेकिन एक शिक्षित व सरकारी पद पर तैनात कर्मी यह कहे कि वह जिले के एक विधायक को जानता व पहचानता नही यह कितने दुर्भाग्य की बात है। आखिर विधायक में क्या कमी रह गई है कि उनकी पहचान अपने ही जिले में आज बाकी है। एक ऐसा ही मामला लोकसभा चुनाव के दौरान औराई विधानसभा के बूथ नंबर 359 (लसमडा) बूथ पर देखने को मिला। जहां पर तैनात पीठासीन अधिकारी राधेश्याम द्वारा मतदान के दिन औराई के विधायक दीनानाथ भाष्कर व सहयोगियों पर बूथ में आकर गाली गलौज देने व मारने की बात कही गई थी जिसके बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इस मामले को लेकर औराई थाने में विधायक के खिलाफ मामला भी दर्ज है। जबकि विधायक दीनानाथ भाष्कर ने कहा कि राधेश्याम मनमानी वोट डलवा रहे थे, और मै बूथ पर गया ही नही था।
हालांकि यह मामला पुलिस के जांच का विषय है। जिस पर आरोप सिद्ध होगा उस पर कार्यवाही होगी लेकिन एक बडी बात जो निकल कर आ रही है वह बडे ही आश्चर्य वाली है कि लसमडा मतदान केन्द्र पर तैनात सभी मतदान कर्मी औराई के विधायक को जानते व पहचानते ही नही है।
मालूम हो कि चारों मतदानकर्मी जिले मे ही कही न कही सरकारी विभाग में तैनात है। लेकिन इन लोगों द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिये हलफनामा में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि औराई के विधायक दीनानाथ भाष्कर को वे जानते या पहचानते नही है। अब यहां प्रश्न बनता है कि क्या औराई विधायक की पहचान अभी पुरे जिले में नही है। कि जिले के लोग अभी तक विधायक को पहचान नही पायें है। या सभी लोग हलफनामा में झूठा बयान लिखे है? इस मामले में बूथ पर तैनात पीठासीन राधेश्याम, प्रथम मतदानकर्मी बृजेश उपाध्याय, द्वितीय मतदानकर्मी माया पाण्डेय और तृतीय मतदानकर्मी वसीम अकरम शामिल है। जिन्होने बाकायदा अपने हलफनामें में इस बात का जिक्र किया है।
मानते है कि उक्त कर्मियों का कहना यह है कि मतदान केन्द्र पर कुछ नही हुआ था या विधायक नही आए थे। लेकिन जिले के विधायक को न पहचानने की बात सही नही लग रही है। जिले के तीनों विधायकों को लोग भले ही व्यक्तिगत रूप से न जानते हो लेकिन पहचानते तो जरूर है। क्योकि तीनों विधायक कही न कही पिछले कई वर्षो से लोगो से जुडे है।
यदि उक्त कर्मी सच में जिले के विधायकों व सांसद को नही पहचानते है तो उनके विभाग के उच्च अधिकारियों को चाहिए कि अपने सभी कर्मचारियों को जिले के विधायकों व सांसद का पहचान करा दें। क्योकि जिले के जनप्रतिनिधियों को न पहचानना बडे ही शर्म की बात है। जो प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के विकास के लिए दिन रात करके हमेशा प्रयासरत रहते है उन्हें न पहचानना कितना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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