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खतरनाक विस्फोटक को पटाखा साबित करने में क्यों तुला है प्रशासन

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जिस विस्फोट से एक दर्जन से अधिक जानें चली गयी, जिस विस्फोट ने दो मंजिला मकान को बालू के ढेर की तरह धराशाई कर दिया। जिस विस्फोट की गूंज ने लोगों के कान के पर्दे हिला डाले, जिस विस्फोट का मलबा 200 मीटर के क्षेत्र में फैलकर तबाही का मंजर बयां कर रहा था। उसी विस्फोट को पटाखा फैक्ट्री में हुआ धमाका बताकर आखिर भदोही प्रशासन अपनी कौन सी नाकामी पर पर्दा डालने की जुगत में लगा हुआ है। मौकाये वारदात पर मिली संदिग्ध वस्तु जिसे लोग हैण्ड ग्रेनेड बता रहे हैं, वह क्या है इसका जवाब देने में अधिकारी आंख चुराने में लगे हुये है। वहीं मौके पर तैनात सैनिक बल की तैनाती लोगों को यह संदेश दे रही है कि इस विस्फोट के पीछे कोई गहरी साजिश छुपी हुई है, जिसका जवाब प्रशासन भले ही न दे रहा हो किन्तु उड़े होश के साथ जांच भी शुरू हो गयी है।

बता दें कि पूर्व में भी जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट हो चुका है, जिसमें जान जाने के साथ कई लोग घायल भी हो चुके हैं, लेकिन इस विस्फोट और और पूर्व में हुये विस्फोटों में काफी फर्क देखा जा रहा है। पहले जब पटाखा कारखानों में विस्फोट हुआ था तो घटनास्थल पर कागज के वे टुकड़े भी बिखरे पड़े थे जिसमें बारूद को लपेटकर पटाखा बनाया जाता है, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ दिखायी नहीं दिया। इस विस्फोट में कुछ ऐसी संदिग्ध वस्तु भी पायी गयी है जिसे देखकर प्रशासन भले ही चुप हो किन्तु उसके होश उड़े हुये हैं। जिसे लोग हैण्ड ग्रेनेड का टुकड़ा बता रहे हैं।

देखा जाय तो यह विस्फोट इतना भयानक था कि दो मंजिला मकान ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गया। 15 इंच की दीवाल भरभरा कर धराशाई हो गयी। मजबूत पिलर व लोहे का गाडर टुकड़ों में बंट गया। वहीं पर लगा हैण्डपंप उखड़कर दूर जा गिरा। एक बाइक दो टुकड़ों में बंट गयी। लोगों का कहना है कि ऐसा विस्फोट आरडीएक्स में हुये विस्फोट के जैसा है। जबकि प्रशासन द्वारा इसे पटाखा फैक्टरी में हुआ विस्फोट बता रहा है।

गौरतलब हो कि प्रयागराज और वाराणसी हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहा है। इन दोनों शहरों में प्रशासन और खुफिया तंत्र की सक्रियता के कारण समाजविरोधियों को विस्फोटक छुपा कर रखने में खतरा हो सकता है। इसलिये दोनों महानगरों के बीच बसा भदोही जिला ऐसे लोगों के लिये एक महफूज जगह हो सकता है। पटाखा निर्माण की आड़ में विस्फोटक पदार्थो का इतना बड़ा जखीरा मिलना भदोही के लिये घातक हो सकता है।

भदोही आतंकियों के लिये एक सुरक्षित जोन हो सकता है। आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिये यहां ठिकाना बनाने में उन्हें सुविधा मिल सकती है। इसके बावजूद भी प्रशासन कभी अवैध पटाखा बनाने वालों के खिलाफ कभी जांच पड़ताल क्यों नहीं किया कि उसके आड़ में कौन सी साजिश रची जा रही है। जब​कि ऐसे लोगों से सुविधा शुल्क वसूलने में पुलिस का नाम अक्सर चर्चा में आता रहता है।

प्रशासन की डायरी में भदोही अति संवेदनशील क्षेत्र की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद जिले का खुफिया विभाग कहां सो रहा था यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि भदोही से आतंकियों का रिश्ता बहुत पुराना रहा है। देश में घटी कई घटनाओं में भदोही का जिक्र होने के साथ यहां से आतंकी पकड़े भी गये हैं। रोटहां में हुआ विस्फोट कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा करती नजर आ रही है। इसके हर पहलू पर जांच करके प्रशासन को पर्दाफाश करना होगा। अन्यथा भदोही को आतंकियों का सुरक्षित जोन बनने में देर नहीं लगेगी।

दूसरे दिन भी सुनाई देती रही विस्फोट की गूंज, चौरी में पसरा सन्नाटा

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