मुंबई। एससी-एसटी एवम् सवर्णों की लड़ाई में मर्दानगी दिखाने वाली खाकी वर्दी यदि ‘छक्कों’ के सामने नतमस्तक हो जाय तो इसका रहस्य हर कोई जानना चाहेगा। ऐसा ही एक LIVE तांडव सामने आया है। बुधवार रात को गोदान ट्रेन से मुंबई के तरफ आ रहे सीए के साथ छक्कों द्वारा मारपीट करके लूटपाट किया गया। इतना ही नही शिकायत करने गए ‘सीए’ को पुलिस ने बिना शिकायत लिए वापस भेज दिया।
गौरतलब है कि नवी मुंबई में रहने वाले पेशे से सीए प्रमोद गुप्ता बुधवार की शाम को उत्तर प्रदेश अपनी मातृभूमि (गांव) से गोदान ट्रेन से आ रहे थे, जहां वह एस 9 डिब्बे में बैठे हुए थे। इस बीच कसारा के पास कुछ छक्के चढ़े और सभी से जबरन पैसे मांगने सुरु किये। उस समय कुछ यात्रियों ने विरोध किया तो छक्के अपने कपड़े उतार दिए। इस दौरान ट्रेन में महिलाएं भी थी। इसी कारणवश लोगो ने पैसे दिए। इसकी शिकायत प्रमोद ने आरपीएफ़ कंट्रोल में किया। तब तक ट्रेन कल्याण पहुंची और छक्के भाग गए। इस दौरान कल्याण में आरपीएफ़ का एक जवान तो आया लेकिन सिर्फ शिकायतकर्ता का नाम पूछकर चला गया। इसके बाद ट्रेन चलते ही फिर कल्याण से वापस छक्कों का गिरोह सवार हो गया ।
कसारा से ठाणे तक फर्जी छक्कों का गिरोह
कल्याण रेलवे स्टेशन से ट्रेन आगे बढ़ते ही फर्जी छक्कों के गिरोह ने फिर से तांडव शुरू कर दिया। इस दौरान छक्कारूपी लुटेरों ने लोगो से जबरन लूटपाट करने लगे। पैसे नहीं देनें वालो को मारना पीटना भी शुरू कर दिया, जिससे डरकर मजबूरन रेल यात्रियों को जेब खाली करनी पड़ी। जिसने नहीं जेब खाली किया तो इस गिरोह ने जबरन उनके जेब से पैसे भी निकाले। इस बीच प्रमोद से पैसे मांगे तो प्रमोद ने 10 रुपये दिए लेकिन छक्के ने तुरंत प्रमोद पर हमला बोलते हुए जेब से पैसे निकाल लिए। प्रमोद की माने तो उनके जेब मे 1500 रुपये थे, जो जबरन लेकर चले गए ।
जीआरपी ने बिना शिकायत के वापस भेजा
ट्रेन ठाणे पहुंचने के बाद प्रमोद सीधे जीआरपी कार्यालय में पहुंचे लेकिन ठाणे जीआरपी में मौजूद पुलिस अधिकारी ने पुलिस स्टेशन में गर्दी होने का बहाना बताते हुए बिना शिकायत दर्ज किए ही वापस भेज दिया। इस बारे में ठाणें जीआरपी में संपर्क किये जाने पर मौजूद अधिकारी ने बताया की सुबह का स्टाफ होगा शिकायत नहीं लिया होगा..लेकिन आप वापस भेजिये शिकायत लिया जाएगा। इस बारे में पीड़ित प्रमोद ने बताया की ट्रेनों में हिजड़ों ने दादागिरी के साथ मारपीट की और पैसे की जबरन वसुली से यात्री परेशान है। क्या रेलवे विभाग कुछ करेगा या उनके समक्ष नपुंसकता रूपी मौन धारण तक सीमित रहेगा..मुख्यतः उत्तर भारत की ओर जाने-आने वाली ट्रेनों मे इनका आंतक अब चरम सीमा पर है। इस संदर्भ में लाइव विडियों भी इस लिंक पर जाकर देखा जा सकता है।
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बता दें महाराष्ट्र में जब कोई टेन प्रवेश करती है तो हिजड़ों का रूप धारण किये लुटेरे ट्रेन पर चढ़ जाते हैं और यात्रियों के साथ बदसलूकी करते हैं। यह कोई जन्मजात छक्के नहीं है बल्कि दूसरें शहरों से आये पुरूष हैं जो सुबह दाढ़ी घोंटकर और साड़ी पहनकर धंधे पर निकल जाते हैं। कलवा खारेगांव सहित कई स्थानों पर ऐसे लोगों की बस्ती हैं जहा यह लोग अपने परिवर के साथ रहते हैं। हद तो यह है कि ऐसे लोगों के बारे रेलवे पुलिस बखूबी जानकर क्यों चुप रहती है यह जांच का विषय है। सवाल भी उठता है कि क्या रेलवे की खकी वर्दी इन कथित हिजड़ों के सामने बेबस बन गयी है।
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