भदोही। पुलिस अक्सर जाने अनजाने चर्चा का विषय बनी रहती है। कभी अपने अच्छे कार्यों से तो कभी अपने कारनामों से। अब भदोही जिले की पुलिस एक बार फिर चर्चा में आयी है और चर्चा भी उसी कोतवाली की हो रही है जो 2018 में सबसे चर्चित रही। जी हां! हम बात कर रहे हैं जिले की गोपीगंज कोतवाली की जो गत माह रामजी की हवालात में हुई मौत को लेकर काफी चर्चित रही। रामजी की मौत ने भदोही पुलिस की काफी किरकिरी करायी। उस घटना के बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को निलंबित करने के बाद उनके उपर मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। इसके बाद कोई भी इंस्पेक्टर तत्कालीन बनी विपरीत परिस्थितियों को संभालने के लिये तैयार नहीं था। फिलहाल कोतवाली का चार्ज शेषधर पाण्डेय ने बखूबी संभाला और इस दौरान हाईवे का सबसे संवेदनशील सावन माह को शांति से पूरा कराया जो एक माह तक अधिकारियों के लिये गले की हड्डी बना रहता है। इसके अलावा दीपावली, ईद, बकराईद, रामपुर मेला और भरत मिलाप जैसे त्योहारों को पूरा कराया, लेकिन ऐसी क्या बात हो गयी कि कोतवाल को दो दिन की छुट्टी लेकर गैर हाजिर हो जाना पड़ा। पिछले 15 दिनों से कोतवाल अपनी कोतवाली छोड़कर गायब हैं और चार्ज लेने वाला कोई नहीं है।
चर्चाओं की मानें तो कोतवाल शेषधर पाण्डेय 15 दिन पूर्व दो दिन की छुट्टी लेकर घर गये इसके बाद अभी तक कोतवाली को चार्ज नहीं संभाला। गोपीगंज कोतवाली पिछले 15 दिनों से कोतवाल के इंतजार में है। इसके पीछे असली कारण क्या है यह तो विभाग ही बता सकता है किन्तु चर्चाओं की मानें तो उनके गायब होने के पीछे असलहा लायसेन्स पर रिपोर्ट न लगा पाने की विवशता ही सामने आ रही है। बताया जाता है कि इन दिनों असलहा लायसेंस देने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम चल रहा है। ऐसे में कोतवाली प्रभारी को अपनी रिपोर्ट देनी पड़ती है। बता दें कि गोपीगंज थाना क्षेत्र वैसे भी दबंगों का क्षेत्र माना जाता है। असलहा लायसेंस के लिये कुछ ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया है जो अपराधिक प्रवृत्ति के हैं या फिर उनके उपर अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। ऐसे में कोतवाली प्रभारी की सांसत बढ़ जाती है। ऐसा ही कुछ गोपीगंज में भी सुनने को आ रहा है।
बताया जाता है कि असलहा लायसेंस के लिये आवेदन पत्र पर रिपोर्ट लगाने के लिये राजनैतिक दबाव बनाया जा रहा था। चर्चाओं में तो यह भी सुनने को मिल रहा है कि जिले के कुछ अधिकारी भी रिपोर्ट लगाने के लिये दबाव बना रहे हैं। वैसे अभी तक गोपीगंज कोतवाल श्री पाण्डेय की जो कार्यशैली रही है वह गैर विवादित रही है। चाहे कितने भी दबाव आये हों किन्तु श्री पाण्डेय ने कभी गलत काम नहीं किया। ऐसे में किसी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के आवेदन पत्र पर उसकी इच्छा के अनुरूप रिपोर्ट लगाना कहीं उनके गले की फांस न बन जाये उसके लिये शायद गैर हाजिर रहना ही उचित समझा।
वैसे चर्चा यह भी है कि जिले में असलहा लायसेंस दिलाने के नाम पर कथित दलालों का एक ग्रुप सक्रिय हो गया है जो अपनी उंची पहुंच का रौब दिखाकर वसूली में लगा है।
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