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आखिर अब तक विकास कार्यो की झलक क्यों नहीं दिखा पाये सांसद वीरेंद्र सिंह “मस्त”

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भदोही संसद वीरेंदर सिंह 'मस्त'

भदोही : इतिहास गवाह रहा है उत्तर प्रदेश के भदोही कालीन नगरी की गरिमा का परंतु भदोही का दुर्भाग्य ये है कि भदोही के विकास के लिए यहाँ के जन प्रतिनिधि इतने निष्ठुर क्यों बन गए है । क्या भदोही में पूरी तरह से राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा दिये गए अनुदान को डकार जाने की कोई साजिस चल रही है ।केंद्र में बीजेपी की सरकार का कार्यकाल लगभग समाप्त होने को है राज्य की सरकार में भी बीजेपी की सरकार लगभग 3 साल होने पूरे करने को है । फिर भी भदोही के विकास में बीजेपी के जन प्रतिनिधि पारदर्शिता को क्यों नही ला रहे है । भदोही को केंद्र सरकार द्वारा अलग अलग क्षेत्रों के विकास के लिए जो अनुदान दिए गए उसपर भदोही सांसद क्यों खरे नही उतर रहे है ।

भदोही की सड़कों और परिवहन में

जानकारी के लिए बता दे 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार आयी उस समय भदोही की के सड़को और परिवहन की व्यवस्था को सुचारू ढंग से करने के लिए परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी द्वारा भदोही की सड़कों और यातायात की व्यवश्था के लिए वर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त जी को 2100 करोड़ रुपये अनुमोदित किया गया । आपको बता दे कि भदोही संसदीय क्षेत्र में लगभग 2025 गांव आते है। भाजपा की दृष्टि से कुल 17 मंडल है। 5 तहसील है ।कुल 10 ब्लॉक जिनमे 6 ब्लॉक भदोही जिले में 4 ब्लॉक इलाहाबाद जिले के है। सरकार द्वारा अनुदित पैसे मेसे सांसद द्वारा 15 से 1700 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके है परंतु भदोही की सड़कों की हालत जस की तस है।

सेमराध से ज्ञान पुर तक धनतुलसी से ज्ञानपुर तक छेहुया से ज्ञानपुर तक परिवहन के लिए बस चलाने की योजना भी जस की तस है ।इन स्थानों के लिए आज भी परिवहन की बसों की एक भी व्यवश्था नही हुई है। जबकि 2017 से अब तक राज्य सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का भदोही का कई बार दौरा हो चुका है। भदोही में में 4 बस अड्डे है जिनकी सफाई और नई योजनाओं का प्रावधान था एक भी कार्य नही हुए । भदोही के ज्ञानपुर विधान सभा मे जो नई सड़के बनी उनकी बोर्ड पर यहाँ केविपक्ष पार्टी के विधायक विजय मिश्र जी का नाम अंकित किया गया है । आखिर केंद्र सरकार से दिए गए पैसे कहा खर्च हुए है।

भदोही जिले से दो रेल लाइन जाती है इन रेल लाइनों से जुड़ने वाले स्टेशन के रास्ते भी जस के तस है । जबकि भदोही के इन स्टेशनों से लगभग 70 सड़के जुड़ी है ।इनपर सिर्फ कागजी कार्यवही हुई है जमीनी कार्यवाही एकदम नही हुई है।

शिक्षा के क्षेत्र में

जब 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार आयी तो माननीय प्रधान मंत्री और शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने हर संसदीय क्षेत्र में एक केंद्रीय विद्यालय और एक आर्मी स्कूल करने की योजना कार्यान्वित किया। जिसके लिए हर सांसद को उनके क्षेत्र में इन स्कूलों के लिए प्रस्तावित किया गया था ।परंतु भदोही का दुर्भाग्य रहा की केंद्रीय विद्यालय के लिए माननीय सांसद महोदय ने सरकार द्वारा आवंटित पैसों में से लगभग 50% पैसे खर्च करके 40 से 50 गरीब किसानों के जमीन को सरकार के मानक दर से कम रुपये देकर जमीन को आवंटित करा दिए ।

विद्यालय के लिए भूमि पूजन भी कर डाले पर आज तक एक भी ईट स्कूल के नाम पर नही जोड़ा जा सका क्योंकि किसानों को उनके जमीन की सही कीमत नही मिल पाया और किसान हाई कोर्ट से इसके लिए इस्ते ले लिए। आखिर सांसद महोदय भदोही के विकास के लिए क्यों किसानों की जमीन को कम रेट पर खरीदा। किसानो को उनके जमीन की उचित कीमत क्यों नही दी गयी जबकि सरकार ने जो पैसे स्कूल के लिए आवंटित किए थे उसका 50% खर्च भी कर दिए गए और किसानों को उनके हक का पैसा भी नही मिला । कहि न कही वीरेंद्र सिंह “मस्त” के कार्य शैली पर भदोही के बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सशंकित कर रहा है । भदोही के क्षेत्रीय कार्यकर्ता इन बातों पर गौर क्यों नही कर रहे है ।

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