देश में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमले और उत्पीड़न के विरोध में मंगलवार को भदोही के पत्रकारों ने जोरदार प्रदर्शन करने के पश्चात देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित पत्रक सौंपा। पत्रकार श्रीनगर में आतंकियों द्वारा मारे गये पत्रकार सुजात बुखारी के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। इसी दौरान पत्रकारों की हत्या और जगह जगह हो रहे उत्पीड़न से सत्यम न्यूज के संपादक नसीर कुरैशी इतने आहत थे कि बबूल की कटी हुई झाड़ियों पर लेट गये। शरीर में चुभ रहे कांटो की परवाह न करते हुये नम आंखों से श्री कुरैशी ने कहा कि आज सरकार पत्रकारों कें हित के लिये कुछ कर नहीं है और न ही सुरक्षा दे पा रही है।
श्री कुरैशी ने कहा कि पूरे देश में पत्रकारों के खिलाफ एक मुहिम सी चलायी जा रही है। खनन माफिया, अपराधी, आतंकी पत्रकारों को निशाना बना रहे हैं। कहा कि सामाज के विरोधियों के खिलाफ लिखने पर जहां पत्रकारों को सम्मान होना चाहिये वहीं आज उत्पीड़न हो रहा है जो सरकार की पत्रकारों के प्रति उपेक्षा को दर्शा रहा है। कहा यदि पत्रकारों का इसी तरह उत्पीड़न और हत्या होती रही तो समाज के दबे कुचलों की आवाज उठानें वाला कोई नहीं होगा। कहा कि भदोही जनपद में भी पत्रकार उत्पीड़न के कई मामले आये हैं जिसमें पत्रकारों की सुनवाई प्रशासन नहीं करता है। कहा कि यदि कहीं भी पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ तो पत्रकार सड़क पर उतरने के लिये बाध्य होंगे।
इस दौरान पत्रकारों ने भदोही तहसील पर जूलूस निकाल कर नारेबाजी करते हुये तहसील कार्यालय पहुंचे और तहसील कार्यालय के गेट पर ही कांटों पर लेट गये। इसी दौरान तहसील में चल रहे समाधान दिवस पर जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद और भदोही विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी भी मौजूद थे, लेकिन कोई भी पत्रकारों की बात सुनने नहीं आया। थोड़े इंतजार के बाद उप जिलाधिकारी सुनील यादव आकर पत्रक लिये और प्रधानमंत्री को भेजने का आश्वासन दिया।
प्रदर्शन करने वालों में हरेन्द्रनाथ उपाध्याय, जैनुल बेग, हरीश सिंह, पंकज उपाध्याय, मिस्बाहखान, हरिनाथ यादव, नैंरग खान, रोहित गुप्ता, कैसर परवेज, शहनवाज खान, अब्दुल्ला असरी, एके फारूखी, अजमत उर्फ मुन्नू, विश्वजीत राय, चंदन पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
आधे तो करप्ट पत्रकार दिख रहे है