Home वाराणसी पत्नियों ने क्यों रखा करवाचौथ का व्रत

पत्नियों ने क्यों रखा करवाचौथ का व्रत

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हमार पूर्वांचल
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वाराणसी : सिंधोरा बाजार गाँव मरूई के निवासी बृजभूषण शर्मा ने बताया कि हमारे यहाँ यह उपवास महिलाएं कई वर्षों से करती चली आ रहीं हैं। इनकी पत्नी चंद्रकला बृजभूषण शर्मा (पोस्ट मास्टर) ने बताया कि वैदिक पंरपरानुसार वेदों से हमें ज्ञात होता है माता लक्ष्मी ने दुनिया के पालनहार, सृष्टि के रचयिता प्रभु विष्णु जी के लिए व्रत-उपवास रखती हैं जिससे उन्हें सृष्टि के सृजनकर्ता को अजर-अमर रहने के साथ-साथ एक अभूतपूर्व शक्ति प्रदान होता है, माँ यह पूजा अमावस्या के दिन करती हैं जिसे हम सभी लक्ष्मी पूजन के रूप में मनाते हैं। जगतजननी माता लक्ष्मी की इस कृतित्व को देख उनका वाहन उल्लू ने एक दिन मां से प्रश्न कर पूछा-आपका सेवक मैं हूँ मेरी पूजा कोई नहीं करता,सेवक की बात सुन मां ने वचन देते हुए कहा कि अब तुम्हारी भी पूजा अश्विन माह के चौथ के दिन प्रतिवर्ष की जायेगी,जो आज करवाचौथ के व्रत के रूप में लक्षमीस्वरूपा भारतीय नारी करती हैं। भारतीय संस्कृति व परंपरानुसार यह व्रत सभी स्त्रियाँ पति के जीवन को सुखमय, आनंदित रखने हेतु करती हैं।

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चंद्रकला ने बताया कि यह उपवास बहुत ही फलदायी है जिसे गाँव-परिवार की सभी महिलाएं रखती हैं जिनके पति घर नहीं हैं वे मोबाइल के व्हाटसप के जरिये अपना उपवास चंद्रमा को देख फलित करती हैं। उनके साथ मनमोहन शर्मा, मीनाशर्मा, परमशीला,बिन्दो देवी, जय प्रकाश शर्मा आदि की सहभागिता रहती है। उन्होंने यह भी कहा भारत की इस पावन-पवित्र भूमि पर रहने वाले सभी भारतीयों को करवाचौथ का यह पवित्र त्योहार सभी को मनाना चाहिए ।

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