भदोही। काशी प्रयाग के मध्य स्थित पौराणिक और ऐतिहासिक जिला भदोही अपनी एकता, भाईचारा, कला और एक दूसरे के प्रति समर्पण की भावना के कारण हमेशा चर्चित रहा है। यहां की कालीनें विश्व को कला की ही नहीं बल्कि भाई चारा का संदेश देती हैं। वहीं पूर्वांचल का आजमगढ़ जिला कभी आतंकवाद तो कभी जातीय संघर्ष को लेकर चर्चित रहा है। लेकिन इस चुनाव में जिस तरह के बोल प्रत्याशियों के मुंह से निकल रहे हैं। उससे देखकर यहीं लगता है कि यदि ऐसे लोगों के मुंह पर ताला नहीं लगाया गया तो भदोही जिला भी आजमगढ़ की तरह बदनाम हो जायेगा।
भदोही को हाथ काटने वाला गुण्डा नहीं, विकास करने वाला सांसद चाहिये
बता दें कि सोमवार को जिला मुख्यालय पर कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव की जनसभा थी जिसमें उन्होंने कहा कि यदि पिछड़ों और दलितों पर किसी सामंती ने हाथ उठाया तो उसके हाथ काट लिये जायेंगे। इसे लेकर लोगों में काफी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। सभा में शामिल लोग जब वहां से निकले तो नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रमाकांत यादव के मुंह से निकली यह बातें लोगों को भड़काने वाली है। इससे युवाओं के मन में नफरत के भाव पैदा होंगे जो भदोही के लिये कदापि उचित नहीं होंगे।
लोगों का कहना था कि भदोही के लोगों की यह पहचान रही है कि सब एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होते रहे हैं, लेकिन इस बयान के बाद अपने लोगों से ही निगाहें मिलाने में शर्म आ रही है। लोगों का कहना है कि आजमगढ़ में जातिगत नफरत फैलाकर राजनीति करने वालों को भदोही के लोग नफरत फैलाने का मौका नहीं देंगे।
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