भदोही। लोक सभा भदोही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी के बगल वाली सीट है। वाराणसी सीट से जँहा देश के प्रधान मंत्री विजयी हुए हैं वहीं भदोही की सीट पर भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष (किसान) वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ का कब्जा है।
वाराणसी लोक सभा “टोक्यो सिटी” बनने के लिए तत्पर है, वहीं पड़ोसी लोक सभा भदोही अपने मूलभूत सुविधाओं के लिये भी तरस रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार वाराणसी सीट से जीते तो, वाराणासी में बी एच यू होने के बावजूद बहुत बड़े “ट्रोमा सेंटर” की नींव रखी जबकी पड़ोसी लोक सभा भदोही में चिकित्सा सेवा के नाम पर कुछ भी नहीं है। अगर किसी नागरिक को हृदयाघात हो जाय तो उसे लेकर परिवार वालों को वाराणासी या प्रयागराज भागना पड़ता है। कभी कभी मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है।
वाराणसी में शिक्षा के लिये ना जाने कितने विश्वविद्यालय हैं, जो वाराणसी ही नहीं वरन अगल बगल के जिलों में भी शिक्षा के प्रकाश को फैला रहें हैं जबकी पड़ोसी भदोही लोक सभा में एक अरसे से विश्वविद्यालय की राह आज तक देख रहा है।
वाराणसी से आने जाने की लिये तमाम सड़कें, रेल और हवाईअड्डा भी है जबकी भदोही लोक सभा आज भी सड़क मरम्मत के लिये रिमाइंड़र पर रिमाइंड़र का इन्तजार कर कर रही है। भदोही में सड़क यातायात की स्थिति एकदम से चरमराई हुई है। प्राइवेट साधन के ऊपर सड़क यातायात आधारित है।
रेल यातायात के नाम पर आज भी भदोही वालों को 6 महिने का प्रयोगात्मक ठहराव मिल रहा है जिसे नेता गण अपनी जीत बता रहे है। भदोही में कोई भी एक ऐसा स्टेशन नहीं है कि वहाँ से कोई ट्रेन बन कर चलती हो। भदोही जनपद में अप डाऊन दोनों तरफ से आने वाली ट्रेनें फुल रहती हैं जनता परेशान होती है।