Home जौनपुर भारतीय परंपरानुसार पत्नियों ने रखा करवाचौथ का व्रत

भारतीय परंपरानुसार पत्नियों ने रखा करवाचौथ का व्रत

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हमार पूर्वांचल
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जौनपुर : वैदिक पंरपरानुसार वेदों से हमें ज्ञात होता है माता लक्ष्मी ने दुनिया के पालनहार, सृष्टि के रचयिता प्रभु विष्णु जी के लिए व्रत-उपवास रखती हैं जिससे उन्हें सृष्टि के सृजनकर्ता को अजर-अमर रहने के साथ-साथ एक अभूतपूर्व शक्ति प्रदान होता है, माँ यह पूजा अमावस्या के दिन करती हैं जिसे हम सभी लक्ष्मी पूजन के रूप में मनाते हैं। जगतजननी माता लक्ष्मी की इस कृतित्व को देख उनका वाहन उल्लू ने एकदिन मां से प्रश्न कर पूछा-आपका सेवक मैं हूँ मेरी पूजा कोई नहीं करता, सेवक की बात सुन मां ने वचन देते हुए कहा कि अब तुम्हारी भी पूजा अश्विन माह के चौथ के दिन प्रतिवर्ष की जायेगी, जो आज करवाचौथ के व्रत के रूप में लक्षमीस्वरूपा भारतीय नारी करती हैं। भारतीय संस्कृति व परंपरा का यह नजारा भारत के सभी प्रदेशों में धूमधाम से मनाते देखा गया, जिसमें सभी स्त्रियाँ पति के जीवन को सुखमय रखने हेतु विधिवत विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर एवं मां लक्ष्मी की वंदना-प्रार्थना कर उनके परंपरा का निर्वाह किया। स्त्रियों ने पतिदेव के हाथों पानी पीकर व्रत को तोड़ कर व्रत का फल प्राप्त किया।

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करवाचौथ 

इसी प्रकार का अनोखा, अनुपम, सराहनीय दृश्य जौनपुर में एक दंपत्ति को इस पूजन-अर्चन को करते देखा गया। सिकरारा निवासी पति नरेन्द्र कुमार ने बताया मेरी पत्नी अपनी माता-पिता की सेवा हेतु इस समय नैहर में आई हुई है किन्तु वह इस व्रत को बड़ी श्रद्धा से रखती हैं उनके इस अपार प्रेम को देखकर मैं त्रिमुहानी घाट बिजयीपुर उनके मां के गाँव आया जहाँ मुझे सच्चे प्रेम के बंधन को और मजबूत करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ।

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